रमेश कंवर: मनाली
लाहुल में बौद्ध अनुयायियों का पवित्र स्थल ड्रिलबु पर्वत (Drilbu Ri) तक कुंगा रिम्बोचे तथा पलगा रिम्बोचे की अगुवाई में आज विशाल इको पद यात्रा का आयोजन किया गया। यंग ड्रकपा एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस इको पदयात्रा में लाहुल, लदाख, जंस्कार, पाडर, कुल्लु किन्नौर, स्पिति के बौद्ध धर्मावलंबियों ने धार्मिक उत्साह के साथ बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
तांदी चंद्रभागा संगम स्थल के ठीक ऊपर स्थित ड्रिलबु पर्वत (Drilbu Ri) को आचार्य मतीसार अथवा गुरु घंटापा का पीठ स्थान माना जाता है। नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य मतिसार 7वीं शताव्दी में लाहुल आये थे और ड्रिलबु री पर्वत की गुफाओं में घोर तप व साधना की थी। ड्रिलबु री पर्वत को करगयुद्पा सम्प्रदाय के इष्ट देव चक्रसंवर का भी पीठ स्थान माना जाता है।
Drilbu Ri: क्या कहते हैं धर्मगुरु
ड्रिलबु री पर्वत की धार्मिक महत्व को देखते हुए इस से पूर्व परम् पावन दलाई लामा, गलदान त्रिपा, गेलौंग ड्रकपा, तकसंग रिम्बोचे भी घण्टा गिरी की यात्रा कर चुके है। दोनों बुद्ध रत्नों के मुताबिक आध्यात्मिकता में इतनी शक्ति है कि वो नफरत ओर ईर्ष्या को आसानी से स्नेह और प्रेम में बदल सकता है। उनके मुताबिक सांसारिक अनुष्ठान व कर्मकांड महत्वपूर्ण नही होते बल्कि मानवीय बुद्धिमत्ता ओर तर्कशक्ति इतनी शक्तिशाली होना चाहिये जो नकारात्मक प्रविर्तीयों को खत्म कर दे तथा सकारात्मक सोच व विचार को विकसित करें।
Posted By: Himachal News
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