सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटना तीसरे दिन भी 45 लोग लापता है। अब तक केवल 8 शव ही मिल बरामद हुए हैं। समेज, बागीपुल, राजबन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड जवानों की ओर से तीसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आज सर्च ऑपरेशन के लिए सेना के दो खोजी कुत्ते भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। साथ ही जेसीबी मशीन से मलबा हटाकर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। 85 किलोमीटर तक सर्च अभियान चला हुआ है।
रामपुर के समेज में 36 लोग अभी लापता हैं।
चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में चार लोग लापता हैं।
काजा के सगनम में बादल फटा, महिला की मौत
श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे
लाहौल-स्पीति के तांदी में फंसे 80 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।
मलाणा में फंसे 25 पर्यटक
सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस और स्निफर डॉग का इस्तेमाल
उल्लेखनीय है कि समेज कस्बे में बाढ़ की चपेट में आने से करीब 27 मकान बह गए थे। इस आपदा में चार प्रवासी मजदूर, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी, 22 स्थानीय लोगों सहित 36 लोग लापता हो गए हैं। निरमंड उपमंडल के तहत आने वाली कुर्पण खड्ड में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से शुक्रवार को दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं। चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में बाढ़ की चपेट में आने से 10 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से अब तक कुल छह शव बरामद हो चुके हैं। चार लोग अभी भी लापता हैं।
14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें तबाह
बुधवार मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी से शिमला, मंडी, कुल्लू और लाहौल में मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
राजबन में 25 घरों को किया खाली, एक शव भी बरामद
चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में एहतियात के तौर पर 25 घरों को खाली करवा दिया गया है। इन घरों में रहने वाले लोगों के ठहरने की व्यवस्था गांव में ही खाली घरों में की गई है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि पधर के तेरंग गांव में लापता लोगों को ढूंढने का सर्च अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा है। आज हादसे वाले स्थान से एक महिला का शव बरामद हुआ है। जिसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। अब तक कुल छह शव बरामद हो चुके हैं। अब केवल 3 माह और 11 वर्ष की दो लड़कियों सहित कुल चार लोग लापता हैं। उन्हें भी ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं। लापता लोगों के परिजन और रिश्तेदार खुद भी अपनों को मलबे में ढूंढ रहे हैं।
काजा के सगनम में बादल फटा, महिला की मौत
काजा उपमंडल के सगनम गांव में शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बादल फटने से एक महिला की मौत हो गई। बादल फटने से बाढ़ के साथ आए मलबे में एक गाड़ी दब गई। मृतक महिला की पहचान जंगमो (55) पत्नी पदम दुर्जे निवासी सगनम के रूप में हुई है।
दारचा के पास बादल फटने से दो पुल क्षतिग्रस्त
लाहौल-स्पीति के दारचा-शिंकुला मार्ग पर दारचा से लगभग 16 किमी दूर बादल फटने से पुराने व नए दोनों पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फिलहाल शिंकुला दर्रा होकर दारचा से जांस्कर सड़क यातायात के लिए बंद है। सीमा सड़क संगठन मार्ग को बहाल करने में जुटा है।
श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे
श्रीखंड महादेव की पहाडिय़ों पर बादल फटने के चलते जहां भारी तबाही हुई है, वहीं श्रीखंड यात्रा पर निकले 300 लोग भी यहां फस गए हैं। हालांकि सभी लोग सुरक्षित हैं और स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें शरण दी गई है, लेकिन जगह-जगह सडक़ खराब होने के चलते उनके वाहन भी फंसे हुए हैं, जिसके चलते वह यहां से नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में अब जिला प्रशासन द्वारा सडक़ों की मरम्मत की जा रही है और कुछ जगह पर अब वैली ब्रिज भी लगाए जाएंगे। उसके बाद यहां पर फंसे वाहनों के माध्यम से सभी लोग अपने-अपने घरों की ओर निकल आएंगे।
मलाणा में फंसे 25 पर्यटक, श्रीखंड के आसपास 300 श्रद्धालु सुरक्षित
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बादल फटने के कारण प्रभावित कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में चल रहे बचाव और राहत कार्यों के संदर्भ संबंधित उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की। जिला कुल्लू के मलाणा गांव में 25 पर्यटक स्थानीय निवासियों के साथ सुरक्षित हैं और श्रीखंड के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 300 श्रद्धालु भी सुरक्षित हैं।
सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस का इस्तेमाल
समेज त्रासदी में एनडीआरएफ टीम ने मलबे के नीचे दबे लापता लोगों को ढूंढने के लिए लाइव डिटेक्टर डिवाइस का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। शनिवार को प्रभावित क्षेत्र में लाइव डिटेक्टर डिवाइस की सहायता सर्च ऑपरेशन में ली गई, लेकिन इससे भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि लाइव डिटेक्टर डिवाइस की सहायता से मलबे के नीचे सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है कि मलबे के नीचे कोई दबा तो नहीं है, लेकिन अभी तक इससे भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इसके साथ ही स्निफर डॉग भी सर्च ऑपरेशन का हिस्सा बनाए गए है ताकि सर्च ऑपरेशन की गुणवत्ता में और बढ़ावा हो सके।
लाइव डिटेक्टर डिवाइस
लाइव डिटेक्टर डिवाइस एक जीवन पहचान उपकरण है जिसका उपयोग आपदाओं के बाद बचाव कार्यों के दौरान किया जाता है। वायरलेस या वायर्ड भूकंपीय सेंसर मलबे के नीचे जीवन के संकेतों (कंपन) का पता लगाते हैं और फिर पीड़ितों का सटीक तरीके से पता लग जाता है। यह जलरोधी संचार जांच प्रणाली है, जो 26 फीट केबल से सुसज्जित है, जिससे दबे हुए पीड़ितों से संपर्क किया जा सकता है और यह आकलन किया जा सकता है कि उन्हें किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है। हल्का और कॉम्पैक्ट, लीडर सर्च कंट्रोल बॉक्स डेढ़ घंटे की लाइफ वाली रिचार्जेबल बैटरी द्वारा संचालित होता है।
सर्च ऑपरेशन टीम पहुंची दूसरे किनारे
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम ने अस्थायी पुल का निर्माण करके सर्च ऑपरेशन खडड के दूसरी तरफ भी आरंभ कर दिया है। पानी का बहाव तेज होने से दो दिन से अस्थायी पुल निर्माण करने में दिक्कत पेश आ रही थी। टीम ने आज सुबह से लेकर शाम तक खडड के दूसरे किनारे सर्च अभियान चलाया, लेकिन लापता लोगों के बारे सूचना पता नहीं चल पाई।
रामपुर कोषाधिकारी कार्यालय रात 12 बजे तक खुला रहेगा
समेज त्रासदी के प्रभावितों और पीड़ितों को मिलने वाली सहायता राशि व अन्य रेस्क्यू कार्यों के चलते रामपुर कोषधिकारी कार्यालय हर रोज अब रात्रि 12 बजे तक खुला रहेगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के धारा 30 के तहत उक्त आदेश जारी कर दिए है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।
समेज में 301, सुन्नी में 61 सदस्यीय सर्च ऑपरेशन टीम
समेज में जारी सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल है। इनमें एनडीआरएफ के 67, पुलिस के 69, आईटीबीपी के 30 जवान, आर्मी के 110 जवान और सीआईएसएफ के 25 जवान शामिल है, जबकि सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में 61 सदस्यीय टीम शामिल है जिसमें एनडीआरएफ के 30, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 07 और होमगार्ड के 10 कर्मी तैनात है।
समेज में प्रभावितों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क स्थापित
रामपुर के झाकड़ी क्षेत्र से सटे समेज गांव में बादल फटने से हुई भारी तबाही से प्रभावितों को सहायता सामग्री वितरित करने हेतु हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। हेल्प डेस्क दानकर्ताओं को लाभार्थियों और आवश्यक वस्तुओं की सूची मुहैया करवाएगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि पीड़ितों और प्रभावितों की सहायता के लिए बहुत से एनजीओ और लोग आगे आ रहे है। लेकिन सहायता सामग्री की पुनरावृत्ति हो रही है। ऐसे में फैसला लिया गया है एसडीएम रामपुर के कार्यालय में स्थापित हेल्प डेस्क के माध्यम से ही सहायता सामग्री प्रभावितों को वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि झाकड़ी से समेज गांव तक सड़क काफी खराब है। ऐसे में मौके पर जाने वाले एनजीओ एसडीएम रामपुर निशांत तोमर की अध्यक्षता में स्थापित हेल्प डेस्क के संपर्क करके ही घटना स्थल पर जाए। इसके लिए एसडीएम रामपुर का मोबाइल नंबर 82195 51059 और कार्यालय दूरभाष नंबर 01782 233002 जारी कर दिए गए है।
डीसी कुल्लू ने किया बागीपुल का दौरा, सेवाएं जल्द बहाल करने के निर्देश
उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने आपदा प्रभावित बागीपुल का दौरा कर विभिन्न विभागों से संबंधित सेवाओं को जल्द बहाल करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी विभाग अध्यक्षों को आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा ताकि आपदा प्रभावित लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने बागीपुल में अस्थायी पुल लगाने, प्रभावित को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद करने, बिजली, पानी की आपूर्ति जल्द सुनिश्चित करने के लिए भी उचित दिशा निर्देश जारी किए।
राज्य में 191 सड़कें ठप
उधर, जगह-जगह भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे व 191 सड़कें यातायात के लिए ठप रहीं। इसके अतिरिक्त 294 बिजली ट्रांसफार्मर व 120 जल आपूर्ति स्कीमें भी बाधित हैं। सबसे ज्यादा सेवाएं चंबा, कुल्ल्, लाहौल-स्पीति, मंडी व शिमला में प्रभावित हैं।
गानवी में जल्द स्थापित होंगे 2 लकड़ी के पुल: विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज रामपुर क्षेत्र के गानवी में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि गानवी में भारी बारिश से लगभग 14 घरों, पैदल पुल और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। विक्रमादित्य सिंह ने वन विभाग को गानवी में 2 लकड़ी के पुल स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि स्थानीय लोगों को आने-जाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
और मशीनरी लगाई जाएगी: विक्रमादित्य सिंह
शनिवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी समेज पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों से भी मुलाकात की। विक्रमादित्य ने कहा कि घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन के लिए और मशीनरी को लगाया जाएगा।
मलबे से भरे चार स्कूल 7 अगस्त तक बंद
कुदरत के कहर ने सैकड़ों स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित कर दी है। बादल फटने से आई बाढ़ के कारण समेज, बागीपुल और जाओं स्कूल में मलबा और पत्थर भर गए हैं। उपमंडल प्रशासन ने इन स्कूलों को सात अगस्त तक बंद रखने के फरमान जारी किए हैं। इससे समेज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, प्राथमिक स्कूल, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बागीपुल और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जाओं में मलबा ही मलबा भर गया है। बाढ़ के कारण समेज स्कूल की इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था होने तक इन स्कूलों को कुछ दिनों तक खुला रखना संभव नहीं है। इन स्कूलों को सात अगस्त तक बंद रखने का निर्णय लिया है। स्थिति सामान्य होते ही उचित निर्णय लिया जाएगा।
बाढ़ प्रभावितों को मुफ्त शिक्षा देने का एलान
कमला मेमोरियल स्कूल प्रबंधन रामपुर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को जमा दो कक्षा तक निशुल्क शिक्षा देने की पहल की है। स्कूल की प्रबंधक नीना शर्मा ने बताया कि प्रभावितों के साथ उनकी संवेदना है। इसलिए स्कूल कमेटी के साथ मिलकर उन्होंने प्रभावितों को बारहवीं कक्षा तक वर्दी, किताबें और जहां स्कूल बसें जाती हैं, उन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देने का निर्णय लिया है। प्रभावित क्षेत्र के इच्छुक अभिभावक ज्यूरी और रामपुर स्थित स्कूल में आकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Himachal News
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here