सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटना तीसरे दिन भी 46 लोग लापता है। अब तक केवल सात शव ही मिल बरामद हुए हैं। समेज, बागीपुल, राजबन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड जवानों की ओर से दूसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आज सर्च ऑपरेशन के लिए सेना के दो खोजी कुत्ते भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। साथ ही जेसीबी मशीन से मलबा हटाकर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। 85 किलोमीटर तक सर्च अभियान चला हुआ है।
रामपुर के समेज में 36 लोग अभी लापता हैं।
लाहौल-स्पीति के तांदी में फंसे 80 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।
राजबन में 25 घरों को किया खाली
चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में एहतियात के तौर पर 25 घरों को खाली करवा दिया गया है। इन घरों में रहने वाले लोगों के ठहरने की व्यवस्था गांव में ही खाली घरों में की गई है। राजबन में अभी पांच लोग लापता हैं। लापता लोगों के परिजन और रिश्तेदार खुद भी अपनों को मलबे में ढूंढ रहे हैं।
14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें तबाह
शिमला, मंडी, कुल्लू और लाहौल में बादल फटने और भारी बारिश से मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे
श्रीखंड महादेव की पहाडिय़ों पर बादल फटने के चलते जहां भारी तबाही हुई है, वहीं श्रीखंड यात्रा पर निकले 300 लोग भी यहां फस गए हैं। हालांकि सभी लोग सुरक्षित हैं और स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें शरण दी गई है, लेकिन जगह-जगह सडक़ खराब होने के चलते उनके वाहन भी फंसे हुए हैं, जिसके चलते वह यहां से नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में अब जिला प्रशासन द्वारा सडक़ों की मरम्मत की जा रही है और कुछ जगह पर अब वैली ब्रिज भी लगाए जाएंगे। उसके बाद यहां पर फंसे वाहनों के माध्यम से सभी लोग अपने-अपने घरों की ओर निकल आएंगे।
कुल्लू के मलाणा में 25 पर्यटक, श्रीखंड के आसपास 300 श्रद्धालु सुरक्षित
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बादल फटने के कारण प्रभावित कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में चल रहे बचाव और राहत कार्यों के संदर्भ संबंधित उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की। जिला कुल्लू के मलाणा गांव में 25 पर्यटक स्थानीय निवासियों के साथ सुरक्षित हैं और श्रीखंड के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 300 श्रद्धालु भी सुरक्षित हैं।
काजा के सगनम में बादल फटा, महिला की मौत
काजा उपमंडल के सगनम गांव में शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बादल फटने से एक महिला की मौत हो गई। बादल फटने से बाढ़ के साथ आए मलबे में एक गाड़ी दब गई। मृतक महिला की पहचान जंगमो (55) पत्नी पदम दुर्जे निवासी सगनम के रूप में हुई है।
दारचा के पास बादल फटने से दो पुल क्षतिग्रस्त
लाहौल-स्पीति के दारचा-शिंकुला मार्ग पर दारचा से लगभग 16 किमी दूर बादल फटने से पुराने व नए दोनों पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फिलहाल शिंकुला दर्रा होकर दारचा से जांस्कर सड़क यातायात के लिए बंद है। सीमा सड़क संगठन मार्ग को बहाल करने में जुटा है।
राज्य में 191 सड़कें ठप
उधर, जगह-जगह भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे व 191 सड़कें यातायात के लिए ठप रहीं। इसके अतिरिक्त 294 बिजली ट्रांसफार्मर व 120 जल आपूर्ति स्कीमें भी बाधित हैं। सबसे ज्यादा सेवाएं चंबा, कुल्ल्, लाहौल-स्पीति, मंडी व शिमला में प्रभावित हैं।
और मशीनरी लगाई जाएगी: विक्रमादित्य सिंह
शनिवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी समेज पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों से भी मुलाकात की। विक्रमादित्य ने कहा कि घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन के लिए और मशीनरी को लगाया जाएगा।
1 दिन में 5 फुट बढ़ गया पौंग का जलस्तर
बादल फटने और मलाणा बांध टूटने से पंडोह झील में जलस्तर बढऩे से पंडोह बांध के फ्लड गेट खोले जाने से पौंग बांध में जलस्तर 1325.16 फुट पहुंच गया है, जो कि अभी खतरे के निशान से 65 फुट दूर है। एक ही दिन में पौंग बांध का जलस्तर पांच फुट बढ़ा है। पौंग बांध में 1410 फुट तक पानी स्टोर करने की क्षमता है, लेकिन खतरे का निशान 1390 फुट पर रखा गया है। वर्ष 2023 की तुलना में अभी तक पौंग झील का जलस्तर करीब 12 फुट नीचे है। पौंग झील में एक लाख 75 हजार क्यूसिक पानी आ रहा है और आऊटफ्लो 11500 क्यूसिक है।
पंडोह डैम में गाद का गदर, सिल्ट से जाम हुए 2 गेट
पंडोह डैम के दो गेट सिल्ट से फंस गए हैं, जिन्हें खोलने के लिए अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। यह दोनों गेट पिछले तीन दिन से बंद हैं। इसी कारण बग्गी सुरंग भी बंद है। पिछली रात से सलापड़ पॉवर हाउस में भी बिधुत उत्पादन बंद हो गया है। बीबीएमबी के चेयरमेन मनोज त्रिपाठी मौके पर पहुंच गए हैं, जबकि चंडीगढ़ से टेक्नीकल टीम भी आ गई है। गेट में फंसी सिल्ट को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत जारी है। अभी तो ब्यास नदी का जलस्तर कम है। अगर मौसम विभाग के अलर्ट के मुताबिक कुल्लू-मनाली में भारी बारिश या फिर बादल फटने जैसी घटना होती है, तो जलस्तर बढऩे से डैम को नुकसान भी हो सकता है।
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