सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के मंडी में 31 जुलाई को बादल फटने से तबाही के बाद सातवें दिन (बुधवार) को भी लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। सर्च ऑपरेशन में बारिश भी बाधा बन रही है।
सातवें दिन शिमला के सुन्नी में दो शव महिलाओं के शव बरामद हुए हैं। दोनों की पहचान रितिका और रचना के रूप में हुई है। अब तक तीनों जिलों में 21 शव बरामद किए जा चुके हैं।
कुल्लू और मंडी में बुधवार को चलाए गए सर्च अभियान के दौरान कोई भी शव नहीं मिल पाया है।
समेज त्रासदी को लेकर चल रहे सर्च अभियान में अभी तक दस शवों को बरामद किया जा चुका है। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है। सर्च आपरेशन के दौरान बरामद शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा जा रहा है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पा रही है उनके डीएनए मैच किए जा रहें।
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड समेत पुलिस की 300 लोगों की टीम लापता लोगों की खोज में जुटी है। रेस्क्यू दल ने समेज रामपुर के समेज गांव के डेढ़ किमी के दायरे में मशीनों से 95 फीसदी क्षेत्र में खोदाई कर ली है। अब जिला प्रशासन लापता लोगों की तलाश में सतलुज किनारे भी सर्च अभियान तेज करेगा।
31 जुलाई को 55 लोग हुए थे लापता
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी बाढ़ से शिमला, मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पीती जिला में मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। इस हादसे में 55 लोग लापता हो गए थे। इसके आलावा पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
36 लोगों का अभी भी कोई सुराग नहीं
हिमाचल में चार जगह (रामपुर के समेज, कुल्लू जिला के कुर्पण खड्ड, मंडी जिला की चौहार घाटी के राजबन गांव) में 31 जुलाई को मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी बाढ़ की घटनाओं के बाद से 36 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें रामपुर के समेज में 26 और कुल्लू जिला में 10 लोग लापता हैं। कुल्लू के तीन लोग शिमला की तरफ बहे हैं। इनकी पहचान के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। मंडी के तेरंग (राजबन) में एक लापता हैं। जिनमें तेरंग (राजबन) में 9, समेज में 10 और कुर्पण खड्ड से 2 लोगों के शव बरामद हुए हैं।
जानिए कहां क्या हुआ
समेज: शिमला और कुल्लू की सीमा पर बसे रामपुर के समेज गांव से कुल 36 लोग लापता हुए थे। इनमें चार प्रवासी मजदूर, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी, 22 स्थानीय लोग लापता हैं, इनमें से अब तक केवल 10 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें से अब तक चार की ही पहचान हो सकी है। अन्य बरामद शवों को पहचान के लिए आईजीएमसी शिमला में रखा गया है, जबकि परिजनों के डीएनए सैंपल लैब में भेजे गए हैं। यहां 25 लोग अभी भी लापता है। समेज कस्बे में बाढ़ की चपेट में आने से करीब 27 मकान भी बह गए थे।
कुर्पण खड्ड: निरमंड उपमंडल के बागीपुल की कुर्पण खड्ड में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से शुक्रवार (दो अगस्त) को दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं।
तेरंग: चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में 31 जुलाई की रात को बादल फटने की घटना में तीन घर चपेट में आ गए थे। इसमें दो घर पूरी तरह से मलबे के ढेर में दब गए थे, जबकि तीसरे घर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इन तीन घरों के 12 लोग इसकी चपेट में आए थे जिनमें से 2 घायल थे जबकि 10 लापता हो गए थे। लापता हुए 10 लोगों में से 9 के शव बरामद किए जा चुके हैं। छठे दिन एक शव मिला। अब केवल लापता हरदेव के शव को ढूंढना शेष है।
श्रीखंड: बुधवार रात जब भीमडवारी के समीप बादल फटा तो इसकी चपेट में श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे दो लोग लापता हो गए।
सर्च ऑपरेशन सातवां दिन: सोमवार, 7 अगस्त, 2024
तेरंग हादसे में लापता हरदेव की तलाश जारी
मंडी जिला चौहार घाटी के तेरंग (राजबन) हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाया गया सर्च अभियान सातवें दिन भी जारी रहा। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि तेरंग हादसे में लापता हुए हरदेव (30) पुत्र भगत राम की तलाश लगातार जारी है। बादल फटने से आए मलबे को पोकलेन मशीन द्वारा एक बार पलट कर देख लिया गया है लेकिन लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं मिला है। इसलिए हरदेव को ढूंढने के लिए तलाशी अभियान का दायरा बढ़ा दिया गया है। खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है। उपायुक्त ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लगातार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार को सर्च अभियान की देखरेख करने के लिए भेजा गया है। बुधवार को उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन में ही सर्च अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि कार्यवाहक एसडीएम डॉ भावना वर्मा और डीआरओ हरीश शर्मा लगातार सर्च अभियान पर नजर बनाए हुए हैं।
समेज: एक और शव बरामद, दो शवों की शिनाख्त के बाद हुआ अंतिम संस्कार
समेज त्रासदी के बाद से चल रहे सर्च ऑपरेशन के सातवें दिन बुधवार सुबह सैंज क्षेत्र के नजदीक सतलुज नदी के किनारे एक शव बरामद हुआ। प्रथम दृष्टया में यह शव महिला का बताया जा रहा है। यह जानकारी उपायुक्त अनुपम कश्यप ने दी। उन्होंने कहा कि शव क्षत-विक्षत है। शव को पोस्टमार्टम के लिए रामपुर अस्पताल भेज दिया गया है। इसके साथ कुल्लू प्रशासन को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है। समेज त्रासदी को लेकर चल रहे सर्च अभियान में अभी तक 10 शवों को बरामद किया जा चुका है। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है। 01 अगस्त को रामपुर क्षेत्र के ढकोलढ़ में एक पुरूष का शव तथा ब्रो क्षेत्र में दो महिलाओं के शव मिले थे। वहीं 04 अगस्त को दो महिलाओं के शव ढकोलढ़ में मिले थे। सुन्नी डैम क्षेत्र में अभी तक चार शव बरामद हुए है। इनमें पहला शव चार अगस्त को एक महिला का मिला था। पांच अगस्त को दो शव बरामद हुए थे जिसमें एक महिला और एक पुरुष का शव था। सैंज क्षेत्र में मंगलवार (6 अगस्त) को सुबह सतलुज नदी के किनारे क्षत-विक्षत हालत में महिला का शव मिला था। सातवें दिन (7 अगस्त) शिमला के सुन्नी में दो शव महिलाओं के शव बरामद हुए हैं। दोनों की पहचान रितिका और रचना के रूप में हुई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा जा रहा है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पा रही है उनके डीएनए मैच किए जा रहें। इसके अलावा परिजनों के ठहरने की सारी व्यवस्था जिला प्रशासन कर रहा है।
दो शवों की शिनाख्त के बाद हुआ अंतिम संस्कार: सर्च ऑपरेशन में मिले शवों में से दो शवों की शिनाख्त परिजनों ने कर दी है। इसके बाद मंगलवार सुबह परिजनों को दोनों शव सौंप दिए गए। इनकी पहचान रचना पत्नी उम्र 23 वर्ष गांव सूगा नजदीक सरपारा क्षेत्र के तौर पर हुई है, जबकि दूसरे शव की पहना प्रीतिका सुपुत्री राजकुमार पांडे झारखंड निवासी के तौर पर हुई है। दोनों शवों का परिजनों ने समेज में अंतिम संस्कार कर दिया है।
कुर्पण खड्ड में पांच लोगों की तलाश में जुटे 120 जवान
निरमंड उपमंडल के तहत आने वाली कुर्पण खड्ड में बाढ़ आने के कारण बागीपुल, केदस और ढरोपा में भारी तबाही मची थी। बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं। लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ, होमगार्ड, सीआईएसएफ, पुलिस, बटालियन और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं। करीब 120 जवान कुर्पण खड्ड के चप्पे चप्पे पर लापता हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन अब तक लापता हुए लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। निरमंड के एसडीएम मनमोहन सिंह ने बागीपुल से लेकर केदस तक सर्च ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मलबे में मशीनों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
श्रीखंड यात्रा में लापता लोगों का नहीं मिला कोई सुराग
बुधवार रात (31 जुलाई) भीमडवारी के समीप बादल फटने के बाद आई बाढ़ के बाद से दो लोग लापता हैं। ये दोनों श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे थे। प्रशासन ने इनके लापता होने की पुष्टि की है।
समेज-मलाणा-पार्वती प्रोजेक्ट जांचेंगी केंद्रीय एजेंसी
हिमाचल प्रदेश के समेज, मलाणा और पार्वती परियोजना का दौरा करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ आएंगे जो अगले सप्ताह तक इन क्षेत्रों का दौरा करेगी। विशेषज्ञ देखेंगे कि आखिर इन परियोजनाओं में किस तरह की खामियां हैं और बादल फटने की घटनाओं के समय में इनको सुरक्षा के किन उपायों को अपनाना चाहिए। इनके डिजाइन में किस तरह से बदलाव हों इस पर भी विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट देंगे। कुल्लू और शिमला के जिला के इन स्थलों पर बादल फटने की घटनाएं पेश आई हैं, जिससे काफी बड़ा नुकसान हिमाचल में हो चुका है। अभी भी कई लोग लापता हैं जिनकी तलाश चल रही है।
फ्लेशबैक: 2023 की आपदा से हिमाचल में हुई थी 441 लोगों की मौत
बीते साल (2023) में भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने जैसी आपदा से हिमाचल प्रदेश में 441 लोगों की मौत हो गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस आपदा में हिमाचल प्रदेश में 2621 घर नष्ट हो गए थे। सैंकड़ों मवेशी भी इस त्रासदी का काल बने थे। इसके आलावा 540 घराट और 5917 गोशालाएं भी नष्ट हो गई थी।
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