किशन श्रीमान: शिमला
Kargil Vijay Diwas: कारगिल का युद्ध 25 मई, 1999 से 26 जुलाई, 1999 तक चला था। 25 वर्ष पूर्व भारत के वीर सैनिकों ने कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर अदम्य साहस और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान की एक ऐसी गाथा लिखी थी, जिसे भारतवासी कभी भी नहीं भुला सकते हैं। इस युद्ध में भारत के वीर सैनिकों ने बेहद कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल करके दुश्मन को एक बार फिर यह चेतावनी दी थी कि हमारी सीमाओं की ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता है।
इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी क्षति के साथ मुंह की खानी पड़ी थी। 25 जुलाई, 1999 तक भारतीय सेनाओं ने पूर्णतया अपनी सरहदों तथा मोर्चों पर कब्जा कर लिया था तथा 26 जुलाई 1999 को युद्ध विराम होने से हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस युद्ध में देश के 527 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। युद्ध में भारतीय सेना के 1367 सैनिक घायल हुए थे। कारगिल में दुश्मनों के साथ लोहा लेते हुए हिमाचल के 52 रणबांकुरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
इस युद्ध में 4 सर्वोच्च सम्मान, 4 परमवीर चक्र मिले थे, जिसमें 2 परमवीर चक्र प्रदेश के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत) तथा सेवारत सिपाही संजय कुमार (अब आनरेरी कैप्टन) को मिला था। इन वीर सैनिकों पर देश तथा प्रदेश वासियों को नाज है।
देश की रक्षा और सीमाओं को अक्षुण्ण रखने के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों के बलिदान की गाथा हर भारतीय को गर्व से भर देती है। उनका जीवन और त्याग सभी के लिए शाश्वत प्रेरणा है।
Kargil Vijay Diwas: शिमला में मनाया राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ धनी राम शांडिल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और कारगिल में शहीद जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद, शौर्य सम्मान से सम्मानित वीर नारी और कारगिल युद्ध का हिस्सा रह चुके सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि ने कहा कि प्रदेश को वीर भूमि होने का श्रेय प्राप्त करने में हिमाचल के वीर सपूतों का अभूतपूर्व योगदान रहा है। जब भी देश को आवश्यकता हुई है, यहाँ के वीर जवानों ने अभूतपूर्व सैन्य परम्पराओं का निर्वहन करते हुए अपने साहस और पराक्रम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि वेदों में राष्ट्र धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। राष्ट्र धर्म के लिए अपने प्राणों की बलि दे देना पूजनीय है। उन्होंने कहा कि सैनिक अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं रहे हैं। कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर किए हैं। हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा अपने देश की सीमा पर तैनात रहती है और दुश्मन देश की सेना हमेशा घुसपैठ करने की कोशिश में लगी रहती है। ऐसी ही घटना 1999 में हुई, जब पाकिस्तान ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया। परन्तु भारतीय सेना ने हजारों फुट की उचाई पर चढ़ाई करके दुश्मन की सेना को खदेड़ा और अपनी जमीन को उनके कब्जे से वापिस लिया। लगभग 3 महीने तक दोनों देशों के बीच घमासान युद्ध हुआ और भारत ने पाकिस्तान पर विजयप्राप्त की। तब से हर साल भारत में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस साल हम कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
इन्हें किया गया सम्मानित: कारगिल युद्ध में शहीद ग्रेनेडियर नरेश कुमार की धर्मपत्नी शकुंतला गांव मूल भजी डा. थैला तहसील सुन्नी जिला शिमला और शौर्य चक्र सम्मानित बलिदानी राइफलमैन कुलभूषण मांटा की धर्म पत्नी नीतू कुमारी गांव गौंठ डा. मझौली तहसील कुपवी जिला शिमला तथा शहीद लांस नाइक किशोरी लाल की धर्म पत्नी प्रवीण कुमारी को सम्मानित किया। इसके साथ ही कारगिल युद्ध का हिस्सा रहे पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया। इनमें सुबेदार रतन सिसोदिया, सूबेदार मेजर दिवाकर दत्त शर्मा, सूबेदार मेजर शाम लाल शर्मा, सूबेदार मेजर कैलाश चौहान, सूबेदार वेद प्रकाश शर्मा, हवलदार लक्ष्मी दत्त शर्मा, हवलदार राम लाल, हवलदार प्रवीण, सुबेदार राम लाल शामिल रहे।
नाटक के मंचन ने बटोरी तालियां: कार्यक्रम के दौरान द बिगनर्स ग्रुप की ओर से शहीद सैनिक के परिवार पर आधारित आमा शीर्षक से नाटक का मंचन किया गया। इसमें कारगिल युद्ध में सैनिक के बलिदान तथा मां और बहन के जीवन को दर्शाया गया। नाटक के मंचन कर रहे रंगकर्मियों ने थियेटर में मौजूद सभी दर्शकों की आंखों को नम कर दिया और खूब तालिया बटौरी।
ऊना: अमर बलिदानियों को नमन
कारगिल विजय दिवस की 25 वीं वर्षगांठ पर जिला स्तरीय कार्यक्रम एमसी ऊना के शहीद स्मारक में आयोजित किया गया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित वीर चक्र से अलंकृत (रि.) नायक देव प्रकाश तथा तथा शौर्य चक्र से सम्मानित ऑनरेरी कैप्टन चरण दास ने शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वीर नारियों और पूर्व सैनिकों तथा अधिकारियों ने शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि भेंट कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि कारगिल युद्ध जैसी वीरता की मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। इसमें हमारे वीर सैनिकों ने भीषण ठंड और विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला कर विजय हासिल की थी। इन वीर सैनिकों का यह बलिदान देश कभी नहीं भुला पाएगा। देश के प्रति सैनिकों की सेवा सर्वोपरि है। कारगिल युद्ध में ऊना जिले के 2 वीर सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी।
मंडी: अमर वीर सपूतों को किया नमन, वीर नारियों को किया सम्मानित
कारगिल विजय दिवस की 25 वीं वर्षगांठ पर मंडी जिला वासियों ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों और अमर शहीदों को भावपूर्ण नमन किया गया। मंडी के शहीद स्मारक में जिला प्रशासन, सैनिक कल्याण विभाग के सौजन्य से जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, नगर निगम महापौर विरेंद्र भट्ट, जिला सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक कर्नल गोपाल गुलेरिया, ले. जनरल राकेश कपूर, कर्नल (सेवानिवृत) केके मल्होत्रा, कर्नल प्रताप सिंह, कर्नल हरीश वैध, कर्नल एसके मण्डयाल, लीग के पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष कैप्टन कशमीर सिंह के अलावा वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेटों व स्थानीय नागरिकों ने शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के प्रति एकता और अखण्डता की शपथ ली। इस मौके पर कारगिल युद्ध की वीर नारियों को सम्मानित किया। इस युद्ध में मंडी जिले के 12 वीर सैनिक ने अपने प्राणों की आहुति दी।
हमीरपुर: शहीदों को दी श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा पार्क में जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों और अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा हिमाचल प्रदेश पुलिस की टुकड़ी ने भी सलामी दी। इस युद्ध में जिला हमीरपुर के भी 8 सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी। इस अवसर पर कारगिल युद्ध के 8 शहीदों के परिजनों को विशेष रूप से सम्मानित किया। कारगिल युद्ध के घायल वीर सैनिक हवलदार मेहर सिंह ने भी इस अवसर अपने अनुभव साझा किए।
कुल्लू: शहीदों की शौर्य गाथा पर डाला प्रकाश, पुष्पांजलि की अर्पित
कुल्लू में कारगिल विजय दिवस का जिला स्तरीय रजत जयंती समारोह का आयोजन भूतपूर्व सैनिक सामुदायिक भवन में किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश और भूतपूर्व सैनिकों द्वारा शहीदों की शौर्य गाथा पर प्रकाश डाला गया और पुष्पांजलि अर्पित की। कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल के हवलदार डोला राम ने भी कारगिल युद्ध में शहादत पाई।
मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस पर शूरवीरों को किया नमन
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने संदेश में कारगिल के शहीदों की शहादत को नमन किया। उन्होंने कारगिल शहीदों की वीरता और सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करते हुए उन शूरवीरों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि हम सभी को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर गर्व है। उन्होंने देश की सुरक्षा कर रहे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के प्रति आभार व्यक्त किया।
हिमाचल प्रदेश में 1,29,656 पूर्व सैनिक
प्रदेश में वर्तमान में 1,29,656 पूर्व सैनिक, 972 वीर नारियां एवं 38,996 पूर्व सैनिकों की विधवाएँ हैं। इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के 04 जाँबाज सैनिकों को परम वीर चक्र, 02 को अशोक चक्र, 11 को महावीर चक्र तथा 23 को कीर्ति चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त 1148 सैनिक विभिन्न पदक से सम्मानित हैं। इनमें से जिला शिमला के 01 परम वीर चक्र, 01 अशोक चक्र, 01 कीर्ति चक्र, 06 वीर चक्र, 11 शौर्य चक्र, 58 सैनिक विभिन्न पदक से सम्मानित हैं।
आज़ादी से अब तक हिमाचल के 1714 वीर सैनिकों हुए शहीद
स्वतंत्रता प्राप्ति से आज तक हिमाचल प्रदेश के लगभग 1714 वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर किए हैं।
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