सोमसी देष्टा: शिमला
SJVN Navtatan: एसजेवीएन को भारत सरकार के लोक उद्यम विभाग द्वारा प्रतिष्ठित नवरत्न का दर्जा प्रदान किया गया है। यह उत्कृष्ट मान्यता कंपनी को भारत का 25वां नवरत्न बनाती है, जो एसजेवीएन की 36 वर्षों की यात्रा की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सुशील शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, SJVN ने इस ऐतिहासिक दिन को साकार बनाने में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और माननीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल के निरंतर मार्गदर्शन एवं अटूट सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
श्री शर्मा ने हिमाचल प्रदेश सरकार को भी इक्विटी पार्टनर के रूप में कंपनी की हमेशा सहायता करने के लिए विशेष धन्यवाद दिया।
SJVN Navtatan: जानिए किसे मिलता है नवरत्न का दर्जा
श्री शर्मा ने कहा, “नवरत्न का दर्जा उन चुनिंदा सीपीएसई को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने निरंतर असाधारण वित्तीय प्रदर्शन एवं प्रबंधकीय दक्षता को दर्शाया है। इससे हमें अपने कारोबारी हितों को आगे बढ़ाने तथा राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान करने के लिए अधिक वित्तीय और ऑपरेशनल आज़ादी मिलेगी। नवरत्न का दर्जा न केवल SJVN की पिछली उपलब्धियों को मान्यता देता है, अपितु हमें बड़ी परियोजनाएं आरंभ करने, रणनीतिक साझेदारियां बनाने तथा वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के सरकार के विजन में अधिक महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए मंच भी तैयार करता है।”
SJVN Navtatan: बिना किसी वित्तीय सीमा के अपने प्रोजेक्ट पर निवेश कर सकती है कंपनी
कंपनी अब बिना किसी वित्तीय सीमा के अपनी परियोजनाओं पर निवेश कर सकती है, जिससे कंपनी के विकास में तीव्रता आएगी। इसके अतिरिक्त, कंपनी प्रतिवर्ष अपने नेटवर्थ के 30% तक का निवेश कर सकती है, जिससे इसकी महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाओं को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा। एसजेवीएन को यह बढ़ी हुई स्वायत्तता संयुक्त उद्यम तैयार करने, विदेशी अधीनस्थ कंपनियां स्थापित करने और प्रचालन को सुधार करने के लिए संगठनात्मक पुनर्गठन करने की भी अनुमति प्रदान करती है।
2008 में मिला है प्रतिष्ठित मिनीरत्न
एसजेवीएन को 2008 में प्रतिष्ठित मिनीरत्न का दर्जा दिया गया था। वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 56,802.4 मेगावाट का परियोजना पोर्टफोलियो है, जिसमें तेरह परियोजनाएं प्रचालनाधीन हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 2466.5 मेगावाट है तथा हाइड्रो, सोलर, विंड, थर्मल एवं ट्रांसमिशन लाइनों वाली 75 परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। कंपनी वर्ष 1988 में भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के मध्य एक संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित हुई थी, जो भारत एवं नेपाल में प्रचालित होने के साथ एक बहु-आयामी विद्युत निकाय के रूप में विकसित हुई है।
Posted By: Himachal News
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