Sonam Wangchuk: सोनम वांगचुक को पुलिस हिरासत में लेने के बाद देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विपक्ष केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर हमलावर है। कांग्रेस से लेकर AAP तक सोनम के समर्थन में उतर आई है। इस बीच दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए गए सोनम ने पुलिस थाने पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया जहां उन्हें रखा गया है। उनके साथ करीब 120 लोगों को भी हिरासत में ले लिया। सभी ने केंद्र सरकार के फैसले के विरोध थाने में ही अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।
Sonam Wangchuk गिरफ्तारी के खिलाफ नहीं होगी तत्काल सुनवाई
Sonam Wangchuk: दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार गेडेला की पीठ सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि लंच के बाद बड़ी बेंच बैठ रही है। क्योंकि बुधवार को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती होने के कारण राष्ट्रीय अवकाश है। इसलिए इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका में गुहार लगाई गई है कि सोनम वांगचुक और उनके साथ अन्य लोगों को भी नजरबंदी से रिहा किया जाए। साथ ही सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिए गए कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस से जुड़े लोगों को रिहा किया जाए। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में वरिष्ठ नागरिकों सहित व्यक्तियों के समूह को शांतिपूर्वक एकत्र होने की अनुमति दी जाए। इस अर्जी पर जल्दी सुनवाई की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं।
Sonam Wangchuk: बीती रात हुई गिरफ्तारी
बता दें कि सोमवार रात (30 सितंबर 2024) दिल्ली पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को करीब 130 लोगों के साथ सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया गया है। वांगचुक अपनी 700 किलोमीटर लंबी ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ करते हुए हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुए तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उनके साथ लद्दाख से करीब 130 कार्यकर्ता भी दिल्ली की तरफ प्रोटेस्ट करने आ रहे थे।
Sonam Wangchuk: गांधी जयंती पर राजघाट में होनी थी लद्दाख की स्थिति पर चर्चा
सोनम वांगचुक ने अपने समर्थकों के साथ 1 सितंबर को लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च की शुरुआत की। उनका दिल्ली आने का मकसद केंद्र से उनकी मांगों के बारे में लद्दाख के नेतृत्व के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करना है। 14 सितंबर को जब वांगचुक की पदयात्रा हिमाचल प्रदेश पहुंची थी, तब उन्होंने कहा था कि हम सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाने के मिशन पर हैं। सोनम वांगचुक का इरादा था कि वह दो अक्टूबर महात्मा गांधी की समाधि पर बैठ कर लद्दाख की स्थिति पर चर्चा करें।
Sonam Wangchuk: दिल्ली की सीमाओं पर धारा 163 लागू
दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है। सोमवार को ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली के कई इलाकों में BNS की धारा 163 लगाई है, जिसके बाद 5 से ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी है, प्रोटेस्ट करने पर पाबंदी है। जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए गए सभी लोगों को अलग-अलग पुलिस स्टेशन में रखा गया है।
Sonam Wangchuk Arrested: जानिए क्या मांगें?
सोनम वांगचुक की प्रमुख मांगों में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने के लिए कानून बनाने की शक्ति मिल सके। इसके अलावा वह लद्दाख को राज्य का दर्जा और लद्दाख के लिए मजबूत पारिस्थितिक सुरक्षा की वकालत कर रहे हैं। अपनी इन मांगों को लेकर वह लेह में नौ दिनों का अनशन भी कर चुके हैं। तब उनका जोर लद्दाख की नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी और स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के महत्व पर अधिकारियों का ध्यान खींचने पर था।
Sonam Wangchuk: क्या कहती है दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस का कहना है कि नॉर्थ दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली क्षेत्र में प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता 168 लागू था और इस वजह से एक साथ 5 से अधिक लोग ग्रुप नहीं बना सकते हैं। इसी वजह से सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया गया है।
यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी: गिरफ्तारी से मोदी पर भड़के राहुल
सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों को दिल्ली की सीमा पर क्यों हिरासत में लिया जा रहा है? मोदी जी, किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक जी और सैकड़ों लद्दाखियों की हिरासत अस्वीकार्य है।
Sonam Wangchuk से मिलने बवाना थाने पहुंचीं मुख्यमंत्री आतिशी को रोका गया
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। आप ने कहा कि दिल्ली पुलिस का आदेश तुगलकी फरमान है। वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार को बवाना थाने में सोनम वांगचुक से मिलने के लिए पहुंची लेकिन उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने से रोक दिया गया। थाने के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। आतिशी ने कहा कि लद्दाख के लोग एलजी राज नहीं चाहते, वे चाहते हैं कि फैसला उनकी चुनी हुई सरकार करे। मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया गया। हम लद्दाख के लोगों के साथ हैं।
केजरीवाल ने साधा निशाना
सोनम पर एक्शन के बाद आप के संयोजक ने कहा था कि दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोकते हैं, कभी लद्दाख के लोगों को रोकते हैं। क्या दिल्ली किसी एक शख़्स की बपौती है? दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में आने का सब को अधिकार है। ये सरासर ग़लत है। निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आख़िर इन्हें क्या डर लग रहा है?
लद्दाख ही नहीं है, बल्कि पूरे देश की आवाज़ है Sonam Wangchuk
दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सोनम वांगचुक ने पूरे देश का खूब मान-सम्मान बढ़ाया है। उनके इनोवेशन और एजुकेशन के आइडियाज, पर्यावरण के क्षेत्र में उनके किए गए काम से पूरा देश और दुनिया लाभांवित हो रहा है। सोनम वांगचुक अपने साथ समाजसेवी, आर्मी से सेवानिवृत्त कर्मचारी समेत प्रख्यात लोगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे थे। भाजपा ने सोनम को इसलिए गिरफ्तार किया है, क्योंकि आज वह जो आवाज उठा रहे हैं, वो सिर्फ लद्दाख की आवाज नहीं है, बल्कि पूरे देश की है। वांगचुक की आवाज को केंद्र सरकार दबा नहीं सकती है। उनके साथ पूरा देश खड़ा है। आम आदमी पार्टी और पूरी दिल्ली उनके साथ खड़ी है। हमें सोनम पर गर्व है।
Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण: बीएस राणा
सेव लाहुल-स्पिति सोसाइटी के अध्यक्ष बीएस राणा ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। पर्यावरण की चिंता मात्र सोनम वांगचुक की नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक चिंता है, इसलिए वह नेक उद्देश्य के साथ अपनी मुहीम के साथ केंद्र सरकार के समक्ष महत्त्वपूर्ण मुद्दों को रखना चाह रहे हैं। अचानक उनकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि सरकार पर्यावरण व संबद्ध विषयों को लेकर गंभीर नहीं है।
कौन हैं Sonam Wangchuk?
सोनम वांगचुक शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता हैं। इनका जन्म 1 सितंबर 1966 को अलची, लद्दाख में हुआ था। वह स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख के संस्थापक-निदेशक हैं। 1993 से 2005 तक वांगचुक ने लैंडेग्स मेलॉग, जो लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका की स्थापना की और संपादक के रूप में कार्य किया। शिक्षा में मैकेनिकल इंजीनियर वांगचुक 30 से अधिक वर्षों से शिक्षा सुधार के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्हें साल 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार शिक्षा, संस्कृति और प्रकृति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया था। लद्दाख के लोगों के लिए वो हमेशा ही आवाज उठाते आ रहे हैं।
थ्री इडियट फिल्म से चर्चा में आए Sonam Wangchuk
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म “थ्री इडियट” सोनम वांगचुक के जीवन से प्रेरित थी। इस फिल्म के बाद वह चर्चा में आए। एनआईटी श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सोनम वांगचुक शिक्षा में सुधार और लद्दाख तथा देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। वांगचुक ने कई आविष्कार किए हैं, जिनमें सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट, आर्टिफिशियल ग्लेशियर और एसईसीएमओएल (SECMOL) परिसर का डिज़ाइन शामिल हैं।
Posted By: Himachal News
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