Himachal News: बुधवार को मध्य रात्रि बादल फटने से दो लोगों की मृत्यु हो गई है, 8 लोग लापता हैं और एक गंभीर रूप से घायल है। आपदा की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीमों को मौके पर बचाव के लिए रवाना कर दिया था। डॉक्टरों का दल भी वहां पहुंच गया है। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति का इलाज जारी है। प्रारम्भिक सूचना के अनुसार बादल फटने से तीन घर पानी में बह गए थे, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ।
यह मंडी जिला का यह इलाका काफी दुर्गम इलाका है। यहां पहुंचना राहत टीमों के लिए बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा है। वहां जाने वाला रोड रोड पूरी तरह से क्षत्रिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण के अथक प्रयासों से सड़क को बहाल किया गया। जिससे रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच पाई और खोज और बचाव अभियान शुरू हो पाया।
एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि मंडी जिला के तेरंग में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की संयुक्त टीमों द्वारा खोज और बचाव अभियान चलाया हुआ है। मौके पर उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन मौजूद हैं। उनकी देखरेख में खोज और बचाव का कार्य किया जा रहा है।
व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया शिफ्ट
मलाणा में बादल फटने से व्यास नदी का वाटर लेवल बहुत अधिक बढ़ गया है। इससे व्यास नदी के लो लाईंग एरिया में रहने वालों लोगों को सतर्क कर दिया गया है। हूटर के माध्यम से लोगों को सतर्क किया गया है। रघुनाथ का पधर और बाडी घूमाणु के 30 लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही लोअर भ्यूली में 15 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। उनके गुरुद्वारे में रहने की अस्थायी व्यवस्था की गई है।
एनएच किरतपुर मनाली एकतरफा यातायाता के लिए बहाल
किरतपुर-मनाली नेशनल हाइवे बारिश के कारण मंडी से पंडोह के बीच कुछ देर के लिए बंद रहा था लेकिन अब इसे एक तरफा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। मंडी से कुल्लू वाया कटौला रोड़ खुला है।
6 जिला मार्ग और और 128 ग्रामीण सड़कें बंद
जिला में बुधवार को हुई भारी बारिश से 6 मुख्य सड़के जबकि 128 संपर्क सड़कें बंद हैं। इन्हें खोलने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। मौसम ठीक रहा तो अधिकांश सड़कों को बहुत शीघ्र बहाल कर दिया जाएगा।
राहत कार्यों के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर तैयार
राहत कार्यों के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर तैयार है। प्रशासन द्वारा आपदा में बचाव कार्य के लिए वायुसेना को हेलीकॉप्टर तैयार रखने को कहा गया था। तेरंग में हुए हादसे में भी वायु सेना सहायता करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। परन्तु मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर से राहत कार्यों के लिए सेवाएं नहीं ली जा सकीं है। राहत टीमों को पैदल ही मौके पर भेजा गया।
पधर, बालीचौकी और करसोग उपमण्डलों के शिक्षण संस्थान बंद
भारी वर्षा के कारण किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पधर, बालीचौकी और करसोग उपमण्डलों के सभी सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केन्द्र पहली अगस्त को बंद रखने के आदेश जारी किए गए है। इसके साथ ही सदर उपमण्डल के कुछ शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश भी जारी किए हैं।
Himachal News
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here