रमेश कंवर: मनाली
Himachal News: पर्यटन नगरी मनाली के समीप सोलंगनाला के अंजनी महादेव नाले में मध्यरात्रि बादल फटने से पलचान में भारी तबाही हुई है। पलचान पुल पर मलबा आने से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है। सडक़ के दोनों और वाहन फंस गए। बादल फटने से आई बाढ़ से पलचान में तीन मकान भी बह गए हैं। इसके अलावा नदी में बने एक पावर प्रोजेक्ट के भवन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि इसमें किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है दो को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ में एक व्यक्ति की 20 भेडें भी बह गई हैं।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बीती रात के समय अचानक अंजनी महादेव के साथ लगते नाले में बादल फट गया, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानें नाले में बहकर पलचान पुल तक जा पहुंची। प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा लेने में जुट गई है। बाढ़ से प्रभावित लगभग 19 लोगों का सरकारी भवन में पुनर्वास किया गया है, जिन के रहने खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है।
बादल फटने से भारी मनाली-लेह सडक़ पर मलबा और बड़े-बड़े पत्थर आ गए हैं। पुल क्षतिग्रस्त होने से अटल टनल का रास्ता बंद हो गया है। सडक़ बंद होने के चलते सोलंगनाला, लाहुल घाटी का संपर्क भी अब मनाली से कट गया है। बीआरओ ने मशीनरी बुलाकर सडक़ बहाली का कार्य शुरू किया है।
एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा रात में टीम के साथ मौके पर पहुंचे। नदी तट पर बसे लोगों को अलर्ट कराया गया है। उन्होंने बताया की बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।
लोगों ने भागकर बचाई जान
बादल फटने के बाद देर रात इलाके के कई घरों में मलबा घुस गया। इससे लोगों में दहशत का माहौल रहा। लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
पूरा ट्रैफिक रोहतांग दर्रा से डायवर्ट किया
कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने मनाली में बादल फटने की घटना पर बताया कि इस घटना में काफी क्षति पहुंची है। तीन घर बह गए हैं। एक से दो घरों को भी नुकसान हुआ है। प्रभावितों को अस्थायी तौर पर स्कूलों में रखा गया है। कल की इस घटना की वजह से अटल टनल का रास्ता बंद है। सारा ट्रैफिक रोहतांग पास से डायवर्ट किया जा रहा है। अतिआवश्यक सेवाओं के वाहन हमारी प्राथमिकता होंगे और पर्यटकों को रोका जाएगा। तहसीलदार मौके पर मौजूद है।
जानिए कैसे और क्यों फटता है बादल?
लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे या इससे अधिक रफ्तार से बारिश होने की घटना को ही बादल का फटना माना जाता है। इसमें कुछ ही समय में एक इलाके में इतनी अधिक और तेज बारिश होती है कि बाढ़ आ जाती है। मकान और पेड़ बाढ़ में बह जाते हैं। इस घटना में लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बारिश होती है। कभी-कभी ओले भी गिरते हैं और तूफान भी आ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार बादलों में जब आर्द्रता अधिक होती है और उनकी इस स्थिति में कोई बाधा आती है, तो संघनन अधिक हो जाता है। जिस क्षेत्र में यह घटना होती है, वहां एक साथ लाखों लीटर पानी धरती पर गिरता है। इस कारण बाढ़ आ जाती है। जिसे बादल फटने की घटना कहा जाता है।
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