सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के मंडी में 31 जुलाई को बादल फटने से तबाही के बाद आठवें दिन (वीरवार) को भी लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहा। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड समेत पुलिस की 300 लोगों की टीम लापता लोगों की खोज में जुटी है। रेस्क्यू दल ने समेज रामपुर के समेज गांव के डेढ़ किमी के दायरे में मशीनों से 95 फीसदी क्षेत्र में खोदाई कर ली है। अब जिला प्रशासन लापता लोगों की तलाश में सतलुज किनारे भी सर्च अभियान तेज करेगा।
आठवें दिन श्रीखंड क्षेत्र में बादल फटने के बाद बागीपुल में हुई भारी तबाही में लापता हुए एक परिवार के चार सदस्यों में से वीरवार को दूसरा शव भी बरामद हो गया है। जियालाल बिष्ट के शव के बाद वीरवार को उनकी पत्नी, रेवता देवी का शव लूहरी से बरामद हुआ है। शव को पुलिस थाना कुमारसैन के तहत अस्पताल लाया गया। जहां पर शव की शिनाख्त उसके भाई प्रेम लाल द्वारा की गई है। शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
हरदेव का नहीं मिला कोई सुराग
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि तेरंग हादसे में लापता हरदेव को ढूंढने के लिए सर्च अभियान वीरवार को भी जारी रहा, परन्तु हरदेव का कोई सुराग नहीं मिला। मशीन के द्वारा बड़ी-बड़ी चट्टानों को हटा कर देख लिया लेकिन हरदेव को ढूंढने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि एडीएम डॉ मदन कुमार तेरंग में मौजूद हैं और उनकी देखरेख में ही आज सर्च अभियान चलाया गया।
31 जुलाई को 55 लोग हुए थे लापता
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी बाढ़ से शिमला, मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पीती जिला में मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। इस हादसे में 55 लोग लापता हो गए थे। इसके आलावा पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
35 लोगों का अभी भी कोई सुराग नहीं
हिमाचल में चार जगह (रामपुर के समेज, कुल्लू जिला के कुर्पण खड्ड, मंडी जिला की चौहार घाटी के राजबन गांव) में 31 जुलाई को मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी बाढ़ की घटनाओं के बाद से 35 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें रामपुर के समेज में 26 और कुल्लू जिला में 09 लोग लापता हैं। कुल्लू के तीन लोग शिमला की तरफ बहे हैं। इनकी पहचान के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। मंडी के तेरंग (राजबन) में एक लापता हैं। जिनमें तेरंग (राजबन) में 9, समेज में 10 और कुर्पण खड्ड से 2 लोगों के शव बरामद हुए हैं।
जानिए कहां क्या हुआ
समेज
शिमला और कुल्लू की सीमा पर बसे रामपुर के समेज गांव से कुल 36 लोग लापता हुए थे। इनमें चार प्रवासी मजदूर, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी, 22 स्थानीय लोग लापता हैं, इनमें से अब तक केवल 10 लोगों के शव बरामद हुए हैं। यहां 25 लोग अभी भी लापता है। समेज कस्बे में बाढ़ की चपेट में आने से करीब 27 मकान भी बह गए थे।
01 अगस्त को रामपुर क्षेत्र के ढकोलढ़ में एक पुरूष का शव तथा ब्रो क्षेत्र में दो महिलाओं के शव मिले थे।
04 अगस्त को दो महिलाओं के शव ढकोलढ़ में मिले थे।
05 अगस्त को दो शव बरामद हुए थे जिसमें एक महिला और एक पुरुष का शव था।
06 अगस्त को सैंज में सुबह सतलुज नदी के किनारे क्षत-विक्षत हालत में महिला का शव मिला था।
07 अगस्त को शिमला के सुन्नी में दो शव महिलाओं के शव बरामद हुए हैं। इनकी पहचान रचना (23 वर्ष) गांव सूगा नजदीक सरपारा क्षेत्र के तौर पर हुई है, जबकि दूसरे शव की पहना प्रीतिका सुपुत्री राजकुमार पांडे झारखंड निवासी के तौर पर हुई है।
सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद आईजीएमसी शिमला के शव गृह में रखा जा रहा है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पा रही है उनके डीएनए मैच किए जा रहें। इसके अलावा परिजनों के ठहरने की सारी व्यवस्था जिला प्रशासन कर रहा है।
कुर्पण खड्ड
निरमंड उपमंडल के बागीपुल की कुर्पण खड्ड में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे।
02 अगस्त को दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं।
08 अगस्त को श्रीखंड क्षेत्र में बादल फटने के बाद बागीपुल में हुई भारी तबाही में लापता हुए जियालाल बिष्ट के परिवार के चार सदस्यों में दूसरा शव उनकी पत्नी रेवता देवी का लूहरी से बरामद हुआ है।
तेरंग
चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में 31 जुलाई की रात को बादल फटने की घटना में तीन घर चपेट में आ गए थे। इसमें दो घर पूरी तरह से मलबे के ढेर में दब गए थे, जबकि तीसरे घर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इन तीन घरों के 12 लोग इसकी चपेट में आए थे जिनमें से 2 घायल थे जबकि 10 लापता हो गए थे। लापता हुए 10 लोगों में से 9 के शव बरामद किए जा चुके हैं। छठे दिन एक शव मिला। अब केवल लापता हरदेव के शव को ढूंढना शेष है।
श्रीखंड यात्रा में लापता लोगों का नहीं मिला कोई सुराग
बुधवार रात (31 जुलाई) भीमडवारी के समीप बादल फटने के बाद आई बाढ़ के बाद से दो लोग लापता हैं। ये दोनों श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे थे। प्रशासन ने इनके लापता होने की पुष्टि की है।
फ्लेशबैक: 2023 की आपदा से हिमाचल में हुई थी 441 लोगों की मौत
बीते साल (2023) में भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने जैसी आपदा से हिमाचल प्रदेश में 441 लोगों की मौत हो गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस आपदा में हिमाचल प्रदेश में 2621 घर नष्ट हो गए थे। सैंकड़ों मवेशी भी इस त्रासदी का काल बने थे। इसके आलावा 540 घराट और 5917 गोशालाएं भी नष्ट हो गई थी।
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