Dengue: सिरमौर जिला में अब डेंगू बेकाबू होने लगा है। जिला में अब डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को अकेले मेडिकल कालेज नाहन में डेंगू के 48 मामले सामने आए हैं। इनमें अधिकतर नाहन शहर के हैं। जिले में अब तक 880 के करीब लोग डेंगू पोजिटिव आए हैं। इसमें जुलाई महीने में 500, जबकि अगस्त महीने में एक सप्ताह के भीतर 380 के करीब लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं।
नाहन शहर का मोहल्ला अमरपुर पहले ही डेंगू के मरीजों का हॉट स्पॉट बन चुका है। यहां पर सबसे अधिक लोग डेंगू का शिकार हुए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू प्रभावित मोहल्ला अमरपुर में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान भी छेड़ा गया है। विभाग द्वारा 20 जागरूकता टीमों का गठन किया गया है, लेकिन यह अभियान और प्रयास बौने साबित हो रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज में लग रही मरीजों की भीड़
बरसात के मौसम के चलते इन दिनों जलजनित रोगों की चपेट में लोग आ रहे हैं। ऊपर से डेंगू और स्क्रब टायफस के चलते मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए रोजाना लोगों की भारी भीड़ रहती है। मेडिसन ओपीडी का तो खासा बुरा हाल है। वहीं नेत्र, चर्म और हड्डी रोगों की ओपीडी में खासी भीड़ रहती है।
स्क्रब टायफस ने भी बढ़ाईं मुश्किलें, अब तक 44 मामले
डेंगू के साथ-साथ अब स्क्रब टायफस भी स्वास्थ्य विभाग की सिरदर्दी बढ़ा रहा है। जुलाई महीने में स्क्रब टायफस के 22 मामले आए थे और अब एक सप्ताह के भीतर ही 22 मामले आ चुके हैं। स्क्रब टायफस से हिमाचल में एक मौत भी हो चुकी है, ऐसे में अब डेंगू और स्क्रब टायफस को लेकर लोगों में दहशत है।
क्या कहते हैं चिकित्सक
मेडिकल कॉलेज के एमएस.डॉ. अमिताभ जैन ने बताया कि डेंगू और स्क्रब टायफस के मामले बढ़ रहे हैं। बुधवार को डेंगू के 48 नए मामले आए हैं। वहीं अगस्त महीने में अब तक 22 मामले स्क्रब टायफस के भी आ चुके हैं।
जानिए डेंगू बुखार के बारे में
डेंगू बुखार एक कष्टदायक, शरीर को दुर्बल करने वाला मच्छर जनित रोग है और जो लोग दूसरी बार डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाते हैं उनमें गंभीर बीमारी विकसित होने का काफी अधिक जोखिम होता है। डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ गंभीर मामलों में रक्तस्राव और सदमा होता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
जानिए डेंगू बुखार से कैसे बचें, इसे कैसे पहचानें और इससे कैसे लड़ें
डेंगू एक आम तरह का वायरल इन्फेक्शन है जो मच्छरों द्वारा फैलता है और भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों और गर्म उमस भरी जलवायु वाले क्षेत्रों में आसानी से फैलता है।
डेंगू बुखार के लक्षण: डेंगू बुखार के लक्षण इन्फेक्शन होने के 4-6 दिन बाद शुरू होते हैं और इन लक्षणों में हो सकते हैं
बहुत तेज़ बुखार (तापमान 105 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है)
जी मिचलाना या उल्टी आना
मांसपेशियों और जोड़ों में गहरा दर्द
सिरदर्द और आँखों के पीछे वाले भाग में गहरा दर्द
थकान
आसानी से खरोंच लगना या हल्का खून बहना (मसूड़ों से खून बहना या नाक से खून बहना)
ग़लती से लोग डेंगू के हल्के लक्षणों को वायरल इन्फेक्शन या फ्लू समझने की भूल कर सकते हैं। इसका ठीक से इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि गंभीर लक्षणों से डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) हो सकता है जिसके कारण डेंगू हैमरेजिक बुखार हो सकता है और – लिम्फ और रक्त वाहिकाओं को नुकसान, लिवर का बढ़ना, सर्कुलेटरी सिस्टम फेलियर, भारी ब्लीडिंग, झटका लगना और मृत्यु जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।
डेंगू बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है लेकिन यह मच्छरों के संक्रमित होने के कारण बड़े पैमाने पर फैलता है। धारीदार मच्छर बारिश के मौसम में टायर, प्लास्टिक की थैलियां और पानी से भरे बर्तन जैसी चीज़ों में पनपता है जिनमें ठहरा हुआ पानी हो सकता है, जिसके कारण इस बुखार के लक्षण पैदा होते हैं।
डेंगू बुखार का इलाज (Treatment)
चूंकि डेंगू बुखार एक वायरस है, इसलिए इसका कोई खास इलाज नहीं है। डेंगू को रोकने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, इसलिए आप सावधानी बरतने वाले उपाय कर सकते हैं, जैसे कि मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट और क्रीम का उपयोग करना, यह ध्यान रखना कि आपके आस-पास के वातावरण में पानी को ठहराने वाली चीज़ें मौजूद न हों, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, आदि।
लक्षण दिखने पर चिकित्सकों से लें सलाह
अगर आपके परिवार का कोई सदस्य डेंगू बुखार से पीड़ित है, तो यह व्यवस्था रखने में ज़्यादा सावधानी बरतें कि आपके परिवार के अन्य सदस्य मच्छरों के काटने से सुरक्षित हों। अगर किसी उष्णकटिबंधीय क्षेत्र की यात्रा के बाद आपको बुखार हो जाता है, तो अपने डॉक्टर या फिज़िशियन से सलाह लें ताकि वे यह तय कर सकें कि आपको बुखार है या कोई अन्य दिक्कत है।
Himachal News
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here