सोमसी देष्टा: शिमला
HP Pensioners Federation: भारतीय राज्य पैन्शनर्स महासंघ हिमाचल प्रदेश का एक शिष्ट मण्डल घनश्याम शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मुख्य संरक्षक की अध्यक्षता में राजभवन में राज्यपाल से मिला और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पैन्शनरों की देय बकाया राशी का भुगतन न करने पर ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर में महासंघ के अध्यक्ष ब्रमाहानन्द, इन्द्रपाल शर्मा, बलराम पूरी, हेमन्तराम बृजलाल ठाकुर, देवराज शर्मा, मदन शर्मा, भूपराम वर्मा, सुभाष शास्त्री, अशोक पुरोहित शामिल रहे। ज्ञापन में कहा गया कि महासंघ पिछले एक वर्ष से सरकार को बार-बार आग्रह करता आ रहा है कि कर्मचारियों और पैंन्शनरों को जुलाई 2022 से अभी तक महंगाई भते को 12 प्रतिशत के हिसाब से 3 किश्ते देय है और 01 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2021 के बीच सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के वितिय लाभ संशोधित वेतनमान का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम के पैन्शनरों को अभी तक 65,70,75 की आयु पूर्ण करने पर 5.10.15 प्रतिशत भत्ते का लाभ भी अभी तक लागू नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को अभी तक ओपीएस लागू नहीं की गई है। 8 वर्ष का समय बीत जाने के बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय में अपने बकाया देय राशी के लिए केस दायर करने पड़े है। जिससे वकीलों को भारी फीस भी देनी पड़ रही है।
HP Pensioners Federation: 90 अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त, लेकिन केस लड़ने के लिए दिल्ली से बुलाते हैं वकील
उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय पैन्शनर संघ द्वारा की गई 147 पैन्शनरों की याचिका में न्यायालय ने 6 प्रतिशत ब्याज सहित 6 सप्ताह में सरकार को आगामी कार्यवाही करने के आदेश मार्च 2024 में पारित किए थे परन्तु सरकार ने न्यायालय के फसले के विरूद्ध एलपीए दायर कर दी और सरकार अवमानना याचिका दायर करने के बाद भी भुगतान नहीं कर रही है। सरकार ने लगभग 90 अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त कर रखे है जबकि स्वीकृत शक्ति 35 है और नामी वकीलों को केस लड़ने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय से तैनात किया जा रहा है जिन पर लाखों रूपये खर्च किए जा रहे है।
HP Pensioners Federation: 18 महीने में 28000 करोड़ का ऋण
इसके अलावा भी पूरे प्रदेश में पैन्शनरज अपने देय बकाया राशि जिससे ग्रेचुटी विनिमय, लीव इंकेशमेंट और पे एरियर शामिल है के लिए अलग से भी केस लगातार कर रहे है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति की अदायगी काफी समय से नहीं की जा रही है। लाखों के बिल सभी विभागों में लम्बित पड़े है। कई पैन्शनर तो बिना ईलाज के स्वर्ग सिधार चुके है। सरकार को बने लगभग 18 महीने हो गए है और लगभग 28000 करोड़ का ऋण सरकार ले चुकी है।
HP Pensioners Federation: केन्द्र से मिले 14000 करोड़ लैप्स
गौरतलब है कि 14000 करोड़ केन्द्र सरकार से आपदा राहत काम के लिए प्राप्त हुए थे जो सरकार खर्च नहीं कर पाई और पैसा लैप्स हो गया। सरकार बनने के बाद लगातार फिजूल खर्चा करती जा रही है जिसमें मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति ओएसडी, वाइस चेयरमैन को कैबिनेट रैंक देना, रिटायर्ड कर्मचारियों को री-एंप्लॉयमेंट देना भी बेरोजगारों के साथ धोखा है। सरकारी भवनों एवं मन्त्रियों के आवास पर आनावश्यक मुरम्मत व सौंदर्यकरण के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। सरकार ने मन्त्री व विद्यायकों के भत्ते भी चुपके से बढ़ा दिये है और कर्मचारियों व पैन्शनरों के लिए खजाना खाली की बात कर रहे है।
HP Pensioners Federation: कर्जे में डूबी सरकार की फिजूलखर्ची
इस साल सरकार ने 30 जुलाई को अधिसूचना जारी कर कामगार वार्ड के अध्यक्ष के मानदेय को 30,000 से बढ़ाकर 1,30,000 कर दिया। सरकार ने हिमाचल प्रदेश प्राधिकरण का (HPAT) को बहाल करना भी जनहित में नहीं है जिसका कर्मचारी वर्ग विरोध कर चुके है जिसमें करोड़ो का खर्च आएगा। संघ का कहना है कि वर्ष 2026 में नया पे कमीशन आने वाला है और दो वर्षों का समय बाकी रह गया है अभी तक 8 वर्षों में पिछले पे कमीशन की देनदारी ही सरकार देने में असफल रही है।
HP Pensioners Federation: घोर वित्तिय संकट का सामना कर रही है सरकार
इस प्रकार की गतिविधियां कभी भी किसी भी मुख्यमंत्री के कार्याकाल में नहीं हुई। पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस परमार, रामलाल ठाकुर, शांता कुमार, वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और पैंन्शनरों को अपने बकाया, वेतन या पेंशन समय पर मिलती रही है। हैरानी की बात यह है कि इस माह सितंबर में कर्मचारियों व पैन्शनरज को जो प्रतिमाह 1 तारिख को वेतन व पैन्शन अदा की जाती थी वह भी नहीं दी गई है। यह एक बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला विषय है और इससे प्रतीत होता है कि सरकार घोर वित्तिय संकट का सामना कर रही है।
Posted By: Himachal News
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