सोमसी देष्टा: शिमला
Road Accidents: हिमाचल प्रदेश में हो रहे सड़क हादसे अब महामारी का रूप लेते जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल औसनत 1 हजार से ज्यादा लोग अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं और 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ दुर्घटनाओं का ग्राफ भी चिंताजनक तौर से बढ़ रहा है।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बीते 7 साल में हिमाचल में सड़क हादसों में औसतन 1041 लोगों की मौत हुई है। हर साल 4200 से ज्यादा लोग इन सड़क हादसों में घायल हो रहे हैं।
साल 2017 से वर्ष 2023 के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में हर रोज औसतन 7 हादसे हो रहे हैं और हर 8 घंटे बाद 1 शख्स की मौत हो रही है।
75 लाख की जनसंख्या, 23 लाख से अधिक वाहन
मौजूदा दौर आधुनिकता का दौर है। आधुनिकता के इस युग में हर किसी को आरामदायक जीवन चाहिए। आरामदायक जीवन के लिए सबसे अहम गाड़ी को भी माना जाता है। मात्र 75 लाख की जनसंख्या वाले छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 23 लाख से अधिक पंजीकृत वाहन हैं। हिमाचल में गाड़ियों का बोझ पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। पहाड़ की सर्पीली सड़कों पर ज्यादा गाड़ी दौड़ रही हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है।
Road Accidents: हिमाचल में सबसे जयादा होती हैं कार दुर्घटनाएं
हिमाचल प्रदेश में कारों की बढ़ती संख्या के साथ कार दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ रहा है। प्रदेश में होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में सबसे अधिक संख्या भी कार सवारों या कारों से टकराने वालों की है। साल 2022 में सडक़ दुर्घटनाओं में मरने वाले 1001 लोगों में से लगभग 72 फीसदी की मौत कार व दोपहिया वाहन हादसे में होना निश्चित तौर पर एक बड़ा सवाल बनकर उभरा है। आंकड़े बताते हैं कि 2022 में प्रदेश में कार एक्सीडेंट में मरने वालों की तादाद 473 थी, जो कि कुल संख्या का करीब 48 फीसदी है।
Road Accidents: दुर्घटनाओं में मृतकों सूची में दोपहिया वाहन चालक दूसरे नंबर पर
वहीं सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाली सूची में दोपहिया वाहन चालक दूसरे नंबर पर हैं। स्कूटर व बाइक की दुर्घटनाओं में कुल 240 यानि 25 प्रतिशत लोगों ने जान गंवाई। वर्ष 2022 में ट्रक दुर्घटनाओं में 121, बस हादसों में 41, ट्रैक्टर दुर्घटनाओं में 21 व थ्री व्हीलर में 17 लोगों को जान गंवानी पड़ी।
Road Accidents: हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
साल | दुर्घटनाएं | मौत | घायल |
2016 | 3,168 | 1,271 | 5,764 |
2017 | 3119 | 1,176 | 5,338 |
2018 | 3,118 | 1,168 | 5,444 |
2019 | 2,896 | 1,199 | 4,737 |
2020 | 2,236 | 866 | 3,197 |
2021 | 2,408 | 1,014 | 3,446 |
2022 | 2,592 | 1,001 | 4,051 |
2023 | 2,255 | 869 | 3,209 |
Road Accidents: क्यों होते हैं हादसे
शराब पीकर गाड़ी चलाने और गाड़ी चलाते वक्त फोन सुनना, तेज संगीत सुनना, ब्लैक स्पॉट, ओवर स्पीड, नियमों की अवहेलना के साथ साथ कुछ स्थानों पर सड़कों की खराब हालत, क्रैश बैरियर का न होना और भौगोलिक परिस्थिती भी प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
Road Accidents: हिमाचल में हादसे के मुख्य कारण
हिमाचल में ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं मानवीय गलती के चलते ही हुई हैं। अपने शौक व आराम के लिए खरीदे जाने वाले वाहन लापरवाही से चलाने के कारण मौत का कारण बन रहे हैं। प्रदेश की सर्पीली सडक़ों पर कम अनुभवी चालक और यातायात नियमों का पालन न करना लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं लापरवाही और नशे की हालत में वाहन चलाना हादसों का बड़ा कारण है। दोपहिया वाहन चालकों की तेज रफ्तार व हेल्मेट न पहनना मौत का कारण बना।
Road Accidents: सबसे अधिक हादसे दोपहर 3 से शाम 9 बजे तक
‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं’ रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा सड़क हादसे दोपहर 3 से 9 बजे के बीच होते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि दोपहर का भोजन करने के बाद अधिकांश लोगों को सुस्ती महसूस होती है और नींद आती है। ऐसे समय वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है। एक झपकी दुर्घटना का कारण बन सकती है। शाम के समय सबसे अधिक दुर्घटनाएं होने के दो प्रमुख कारण हो सकते हैं।
पहला कारण: पहला बड़ा कारण अधिकतर लोगों का कामकाज से वापस घर की तरफ आना है। जिस वजह से सड़कों पर इस समय के बीच ही सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है। दिन ढलने और शाम आने के बीच सड़कों पर रोशनी की कमी होती है। शाम गहराने पर प्रकाश व्यवस्था सही न होने से भी दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
दूसरा कारण: शाम के समय एक्सीडेंट का दूसरा बड़ा कारण शराब का सेवन हो सकता है। शाम के वक्त कई लोग शराब पीकर लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं जिससे दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं।
Road Accidents: रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक सबसे सेफ समय
रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे कम सड़क हादसे रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि इस बीच सड़क दुर्घटनाएं नहीं हुई और इनमें लोगों की जानें नहीं गई। इस बीच भी हादसे हुए लेकिन अन्य समय के मुकाबले रात के इस दौरान करीब पांच फीसदी सड़क हादसे हुए।
Road Accidents: गाड़ी चलाते समय अगर इन बातों पर ध्यान दें तो नहीं होगा नुकसान
कार की स्पीड: सड़क हो या हाइवे, कार चलाते समय कभी भी जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। आपको कार अपनी लेन में ही चालएं। रोड के हिसाब से ही कार की स्पीड रखें। दिखावे के लिए तेज रफ्तार में कार को ड्राइव न करें। हमेशा उतना ही स्पीड में कार चलाएं जितने में आप जितने में आप कार को नियंत्रित रख सकें।
सीट बेल्ट जरूर लगायें: अगर आप ड्राइव रहे हैं तो सीट बेल्ट पहन कर ही गाडी चलाएं। बिना सीट बेल्ट लगाए कार ड्राइव न करें यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है
हेलमेट जरूर पहने: अगर बाइक चला रहे है तो हेलमेट जरूर पहने साथ ही पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट जरूर पहनाएं और हमेशा ISI मार्क वाला हेलमेट खरीदें। अगर आप स्टाइलिश और बेहद मजबूत हेलमेट लेना चाहते है तो स्टीलबर्ड के हेलमेट सही ऑप्शन हैं।
शराब पीकर गाडी न चलाएं: शराब पीकर गाड़ी चलाना बेहद खतरनाक साबित होता है। शराब में अल्कोहल होने की वजह से इंसान अपने होश खो देता है और साथ ही गाड़ी पर भी कंट्रोल नहीं हो पाता। ऐसे में एक्सीडेंट होने के चांस बहुत ज्यादा रहते है। अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े गए तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल हो सकता है।
फोन पर बात न करें: गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल न करे। अगर बहुत जरूरी हो तो गाड़ी को किसी सुरक्षित जगह खड़ी कर मोबाइल का प्रयोग करे। क्योकिं अक्सर देखने में आया है की लोग डगाड़ी चलाते समय फ़ोन पर बात करने लगते है और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
हेड रेस्ट न निकालें: गाड़ी की सीट से हेड रेस्ट न निकालें। हेड रेस्ट निकालने की वजह से हादसे के दौरान चोट और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है।
सन रूफ से बाहर निकले: कुछ लोग गाड़ी के सन रूफ से भी बाहर निकलते हैं। यह भी गलत है। ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
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