सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Tourism के उत्थान के प्रदेश सरकार चाहे कितने भी दावे करें लेकिन पर्यटन के प्रति सरकार की गम्भीरता का अंदाज़ा इसी बात के साथ लगाया जा सकता है कि पिछली चार सरकारों ने प्रदेश में पर्यटन मंत्री तक नहीं दिया। यह भी आश्चर्य की बात है कि हिमाचल की आर्थिकी के मुख्य स्त्रोत बागवानी और पर्यटन है लेकिन वर्तमान सरकार के पास भी कोई पर्यटन मंत्री ही नहीं है। फ़िलहाल यह महकमा मुख्यमंत्री के पास है।
Himachal Tourism: पर्यटन हिमाचल की अर्थव्यवस्था का प्रमुख क्षेत्र है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हजारों परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करता है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश में देश-विदेश के पर्यटक यहां की अपार सुंदरता का नजारा देखने के लिए वर्ष भर चले रहते हैं। प्रकृति की गोद में रहने के लिए हिमाचल प्रदेश से बेहतरीन कोई और दूसरा स्थान नहीं हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वर्ष 31 जुलाई तक हिमाचल में 1.13 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं।
पर्यटकों को लुभाने के लिए हिमाचल में पहाड़, नदियां, जंगल, डैम, चिडि़याघर, मंदिर, नामी शहर, खजियार झील, बीड़-बिलिंग जैसे पैराग्लाइडिंग स्थल भी यहां हैं। इसके बावजूद सरकार युवाओं को रोजगार से नहीं जोड़ पाई और न ही सरकार अपना खाली खजाना भरने में कामयाब हो पाई।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से बेहतरीन राज्य के रूप में उभर कर लाखों युवाओं सहित सरकार की आर्थिकी का स्रोत भी बन सकता है, मगर प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी की समस्या की वजह से इसमें सफल नहीं हो पा रहे हैं। अधिकतर सड़कों की दयनीय हालत और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दरकार होने की वजह से हम पर्यटन के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि विदेशी लोग प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं हिमाचली लोग विदेश घूमने के नाम पर अपनी जेबें खाली करते जा रहे हैं।
Himachal Tourism राजधानी का शिगूफा!
हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया है। सरकार का दावा है कि वह यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक पर्यटन अधोसंरचना का निर्माण करेगी। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, इससे क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने में प्रोत्साहन मिलेगा। धरातल पर सरकार की योजनाएं नजर नहीं आती। ऐसे में कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित करना सिर्फ सियासी शिगूफा ही जान पड़ता है।
सुक्खू का दावा इन 11 योजनाओं से चमकेगा Himachal Tourism
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि Himachal Tourism के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है। हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 696.47 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। पर्यटन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं में तेजी लाने तथा निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यटक की आमद को बढ़ावा जिनका उद्देश्य राज्य में पर्यटकों की आमद को बढ़ावा देना है।
जानिए Himachal Tourism के लिए सरकार वो 11 परियोजनाएं
धर्मशाला में 161.91 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर का निर्माण।
पालमपुर और नगरोटा बगवां में 95.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जाने वाला सौंदर्यकरण।
नादौन में 64 करोड़ रुपये की लागत से राफ्टिंग कॉम्पलेक्स का विकास
हमीरपुर जिले के बाबा बालकनाथ जी दियोटसिद्ध में 65.32 करोड़ रुपये की परियोजना।
शिमला जिले के बनूटी में 58.37 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का निर्माण
नादौन में 91.42 करोड़ रुपये का वेलनेस सेंटर निर्माण।
मनाली में 45.25 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर
कुल्लू में 27.76 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर का विकास
धर्मशाला में 39.51 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण
शिमला में 34.85 करोड़ रुपये की लागत से आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का विकास
कुल्लू जिले में नग्गर कैसल के जीर्णोद्धार पर 11.57 करोड़।
पौंग डैम बनेगा अंतरराष्ट्रीय ‘बर्डज पैराडाइस’
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पौंग डैम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘बर्डज पैराडाइस’ के रूप में विकसित किया जाएगा तथा यह जल क्रीड़ाओं के दृष्टिगत भी उत्कृष्टता का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा।
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