किशन श्रीमान: शिमला
Shimla Shiv Mandir Landslide : कहते हैं कि कुछ दुखों के जख्म निरंतर रिसते रहते हैं। भले ही समय हर जख्म को भर देता है, लेकिन मौत का समाचार लाने वाले हादसों की पीड़ा कभी कम नहीं होती।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के शिव बावड़ी (समरहिल) हादसे का एक साल भले ही बीत गया, लेकिन इस हादसे में जान गंवाने वाले दिवंगतों के परिजनों के ज़ख्म आज भी हरे हैं। हादसा बीते साल आज ही के दिन यानी 14 अगस्त 2023 को हुआ था।
समरहिल के शिव मंदिर में आज से ठीक एक साल पहले… सावन के आखिरी सोमवार… सुबह सात बजे का समय… चहुं ओर भक्ति का वातावरण था। भक्तजन महाकाल की आराधना लीन थे। फिर अचानक मूसलाधार बारिश हुई…भूस्खलन हुआ…और कुछ ही क्षणों में महाकाल का ऐसा तांडव हुआ कि आराधना में लीन 20 श्रद्धालु काल का ग्रास बनकर विलीन हो गए।
Shimla Shiv Mandir Landslide: अपनों को याद कर नम हुई आंखें
शिव बावड़ी के हादसे को याद कर अपनों को खो देने वाले परिजनों की आंखें हमेशा नम हो जाती हैं। हादसे की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि देने के लिए मंदिर में पहुंचे हर व्यक्ति की आंखों में उस काली सुबह की यादें आज भी ताजा थीं।
एक पिता की आंखों के सामने उसका जवान बेटा मौत की आगोश में समा गया था, वे अपने आंसुओं को रोक नहीं सके। एक विधवा अपने पति की तस्वीर के सामने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तो उसकी आंखों से आंसू बहने से नहीं रुक रहे थे। उसकी बेटी जिसने अपने पिता को मुखाग्नि दी थी, अब अपनी मां को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रही थी। पिता की याद में बेटी की आंखें भी नम थीं।
Shimla Shiv Mandir Landslide: ये था हादसे का कारण
एचपीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी समरहिल और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद रुड़की के वैज्ञानिकों ने भूस्खलन की यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के उपग्रह सेंटिनल-एक से इस घटना की जांच करवाई है। इसमें शिव बावड़ी मंदिर में हुई त्रासदी का मुख्य कारण बादल फटना नहीं बल्कि समरहिल में पहाड़ के नीचे भूजल का संग्रह था, जिससे शिव बावड़ी में पानी आता था।
काफी समय से हो रही बारिश से यह पानी बढ़ा, जिससे पहाड़ी में दबाव बढ़ गया। पानी का दबाव शिव बाबड़ी की चट्टानें नहीं झेल पाईं और 14 अगस्त को समरहिल-बालुगंज के ऊपरी हिस्से में भूस्खलन हुआ।
Shimla Shiv Mandir Landslide दोबारा हो सकता है यहां भूस्खलन
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद रुड़की के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि शिव बाबड़ी के इलाके में दोबारा भूस्खलन की संभावना को नहीं नकारा जा सकता।
स्मारक के आसपास अपनों की याद में लगाए पौधे
शिव बावड़ी मंदिर में एक स्मारक बनाया गया है, जिस पर जान गंवाने वाले लोगों के नाम अंकित किए गए हैं। परिवारजनों ने अपने प्रियजनों की याद में स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मंदिर के आसपास देवदार और बान के पौधे लगाए गए।
शोकसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे ये लोग
शोकसभा में समरहिल के निवासी, पीड़ितों के परिजन, दोस्त और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनीराम शांडिल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विधायक हरीश जनार्था, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान ने शिव बावड़ी में प्राकृतिक आपदा से जान गंवाने वाले दिवंगत आत्माओं के स्मृति स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की व पीड़ित परिवारों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कीं।
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