हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में तैयार होने वाले किंग ऑफ विटामिन सी यानी छरमा (Sea buckthorn) के उत्पाद देश-विदेश में पसंद बन चुके हैं। वाइल्ड लाइफ डिविजन स्पीति के तहत विभिन्न स्वयं सहायता समूह छरमा के कई उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जिसे खरीदने के लिए 2012 से 2015 बैच के भारतीय वन सेवा के अफसरों ने भी दिलचस्पी दिखाई।
गत बुधवार को देश के भिन्न-भिन्न राज्यों की 31 सदस्यीय आईएफएस अफसरों की टीम एक्सपोजर विजिट पर वाइल्ड लाइफ डिविजन स्पीति पहुंची। काजा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस टीम ने जाइका से जुड़े 9 स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया। इस दौरान यहां उपलब्ध छरमा चाय, जूस, बैरी, सूखे सेब समेत अन्य उत्पादों की खूब बिक्री हुई।
डीसीएफ स्पीति मंदार उमेश जेवरे ने बताया कि चंद घंटों में ही 12 हजार रुपये की सेल हुई। उन्होंने कहा कि आज देश-विदेश में छरमा के औषधीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है। मंदार उमेश जेवरे ने कहा कि देश के भिन्न-भिन्न राज्यों से आए आईएफएस अधिकारी स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए ऐसे उत्पादों पर शोध करेंगे। गौरतलब है कि स्पीति के सीबकथॉर्न यानी छरमा से बनने वाले उत्पाद देश व दुनिया में पसंद किए जाएंगे।
वर्तमान में भी इसके उत्पादों को लोग पसंद करते हैं, परंतु यह हिमाचल में आसानी से नहीं मिल पाते। बताया जाता है कि कैंसर-शुगर मरीजों के लिए रामबाण छरमा से कई तरह की दवाएं भी तैयार की जाती हैं। दवाओं के निर्माण में इसकी डिमांड काफी ज्यादा है।
सीबकथॉर्न की पत्तियों में विटामिन सी समेत कई दूसरे पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में होते हैं। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह छरमा के उत्पाद तैयार कर अपनी आर्थिकी को और मजबूत कर रहे हैं।
Sea buckthorn के ये जादुई गुण दिलाएंगे हर गंभीर बीमारी से निजात
आज की लाइफस्टाइल में हम इतना ज्यादा व्यस्त हो गए हैं कि हमारे पास इतना भी समय नहीं होता हि हम ठीक से खानपान में ध्यान दे पाएं। इसी कारण हमारे शरीर में मिनरल्स, प्रोटीन व विटामिन सहित कई पोषक तत्व की कमी हो जाती है और हम हमेशा किसी न किसी बीमारी की चपेट में आते रहते है। सी-बक्थोर्न एक ऐसा फल है। जो कि आपकी शरीर में विटामिन्स, मिनरल्स सहित हर पोषक तत्व की कमी को पूरा करेगा। साथ ही कई गंभीर बीमारियों से भी बचाएगा। इसका सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, डायबिटीज से निजात मिल जाता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि यह दुनिया का ऐसा एकलौता फल है जिसमें ओमेगा 3, 6,7 और 9 फैटी एसिड पाया जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी, ई, अमीनो एसिड, लिपिड, बीटा कैरोटीन, लाइकोपीन के अलावा प्रोविटामिन, खनिज और बॉयोलॉजिकल एक्टिव तत्व पाएं जाते है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक बेहतरीन फल है।
रामायण काल से किया जा रहा है इस्तेमाल
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार सीबकथॉर्न के गुण संजीवनी बूटी से मिलते है, जिसका इस्तेमाल रामायण काल में किया गया था। 80 के दशक में रूसी अंतरिक्ष विभाग द्वारा सी-बक्थोर्न अंतरिक्ष यात्रियों को पोषण योजना और विकिरण में लड़ने के लिए सप्लीमेंट के रुप में दिया गया था। सी-बक्थोर्न भारतीय सैनिको की खुराक का एक हिस्सा है।
ऐसे करते हैं इस्तेमाल
सी-बक्थोर्न की बेरी को तोड़ने के 6 घंटे के अंदर ही इसका इस्तेमाल कर लिया जाता है। जिससे कि उसमें मौजूद तत्व बरकरार रहें। इसमें किसी भी तरह का रंग या फिर टेसट के लिए कुछ नहीं मिलाया जाता है। इसका आसानी से घर पर जूस निकाल कर पी सकते है।
सी बकथॉर्न के अन्य फायदे
सेहतमंद दिल के लिए बेहद उपयोगी।
घाव जल्दी ठीक करने में मददगार।
डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायता।
एक्जिमा की बीमारी से राहत।
ड्राई आई सिंड्रोम में फायदेमंद।
सी बकथॉर्न का तेल स्किन और बालों के लिए लाभदायक माना गया है।
Posted By: Himachal News