हिमाचल न्यूज़: नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र में जीका वायरस (Zika Virus) के मामलों को देखते हुए राज्यों को एडवाईजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस संक्रमण की जांच और जांच में संक्रमित पाई गईं गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास पर नजर रखते हुए निरंतर सतर्कता बनाए रखने को कहा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने महाराष्ट्र में जीका वायरस (Zika Virus) के कुछ दर्ज किए गए मामलों को देखते हुए राज्यों को एक एडवाईजरी जारी की है। इसमें देश में जीका वायरस की स्थिति पर निरंतर सतर्कता बनाए रखने की जरूरत पर प्रकाश डाला गया है।
चूंकि जीका संक्रमित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफली और न्यूरोलॉजिकल प्रभाव आ जाता है, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को कड़ी निगरानी के लिए सचेत करें। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे संक्रमित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों की देखभाल करने वाले लोगों को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस संक्रमण के लिए जांच करें, जीका से संक्रमित पाई गईं गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें और केंद्र सरकार के दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करें।
राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे स्वास्थ्य सुविधाओं/अस्पतालों को एक नोडल अधिकारी की पहचान करने की सलाह दें जो अस्पताल परिसर को एडीज मच्छर से मुक्त रखने के लिए निगरानी और कार्य करें।
राज्यों को कीट विज्ञान निगरानी को मजबूत करने और आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने के महत्व पर जोर देते हुए निर्देश दिया गया है। राज्यों से समुदाय के बीच घबराहट को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया गया है, क्योंकि जीका (Zika Virus) किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह ही है जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं। हालांकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा मामला बताया जाता है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
किसी भी आसन्न उछाल/प्रकोप का समय पर पता लगाने और नियंत्रण के लिए, राज्य अधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उचित रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे पहचान में आए जीका (Zika Virus) के किसी भी मामले के बारे में तुरंत एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) को बताएं।
जीका परीक्षण सुविधा राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे; राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), दिल्ली और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की कुछ चुनिंदा वायरस अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है। जीका संक्रमण के बारे में उच्च स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
डीजीएचएस ने इस साल की शुरुआत में 26 अप्रैल को एक एडवाइजरी भी जारी की थी। एनसीवीबीडीसी के निदेशक ने भी फरवरी और अप्रैल, 2024 में दो एडवाइजरी जारी की हैं ताकि राज्यों को एक ही वेक्टर मच्छर से फैलने वाली (Zika Virus) जीका, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी के बारे में पहले से चेतावनी दी जा सके।
जानिए Zika Virus के बारे में
डेंगू और चिकनगुनिया की तरह जीका (Zika Virus) भी एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। यह एक गैर-घातक बीमारी है। हालांकि, जीका संक्रमित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) से जुड़ा है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है।
भारत में 2016 में आया था Zika Virus का पहला मामला
भारत में 2016 में गुजरात राज्य में जीका (Zika Virus) का पहला मामला सामने आया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में भी बाद में जीका मामले दर्ज किए हैं।
Zika Virus: भारत में इस साल अब तक आए आठ मामले
Zika Virus के वर्ष 2024 में (2 जुलाई तक), महाराष्ट्र के पुणे में 6, कोल्हापुर में 1 और संगमनेर 1 यानी पूरे आठ मामले दर्ज किए गए हैं।
Posted By: Himachal News