सोमसी देष्टा: शिमला
Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के मंडी में 31 जुलाई को बादल फटने से तबाही के बाद छठे दिन (मंगलवार) को भी लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहा सर्च ऑपरेशन में बारिश भी बाधा बन रही है।
मंगलवार को राजबन में महिला का एक शव और सुन्नी डैम के करीब दोगरी में एक पुरुष का शव बरामद हुआ है।
बता दें कि हिमाचल में 6 जगह बादल फटने की घटनाओं के बाद से 40 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें रामपुर के समेज में 29, बागीपुल में पांच, मंडी के राजबन एक और कुल्लू जिले के श्रीखंड में दो लोग लापता हैं।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई को मध्यरात्रि बादल फटने और भारी बारिश से आई प्रलयकारी बाढ़ से शिमला, मंडी, कुल्लू और लाहौल में मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। इस हादसे में 55 लोग लापता हो गए थे जिनमें से अब तक केवल 15 शव ही मिल बरामद हुए हैं, जबकि 43 लोग अभी भी लापता हैं। इसके आलावा पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
समेज: रामपुर के समेज में चार प्रवासी मजदूर, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी, 22 स्थानीय लोगों सहित 36 लोग लापता हो गए हैं, इनमें से अब तक सात लोगों के शव बरामद हुए हैं। समेज कस्बे में बाढ़ की चपेट में आने से करीब 27 मकान बह गए थे।
कुर्पण खड्ड: निरमंड उपमंडल के तहत आने वाली कुर्पण खड्ड में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से शुक्रवार को दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं।
तेरंग: चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में बाढ़ की चपेट में आने से 10 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से अब तक 9 शव बरामद हो चुके हैं। एक अभी भी लापता हैं। हादसे में एक व्यक्ति गंभीर घायल हुआ था।
श्रीखंड: बुधवार रात जब भीमडवारी के समीप बादल फटा तो इसकी चपेट में श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे दो लोग भी लापता हो गए थे। रविवार को इसकी प्रशासन ने पुष्टि की है।
सर्च ऑपरेशन: सोमवार (6 अगस्त, 2024) छठा दिन
तेरंग में पांचवे दिन भी जारी रहा सर्च अभियान, एक शव बरामद
मंडी जिला चौहार घाटी के तेरंग (राजबन) हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाया गया सर्च अभियान छठे दिन भी जारी रहा। खोजी कुत्ते द्वारा बताई गई लोकेशन के आधार पर एनडीआएफ की टीम ने खुदाई शुरू की। यहां चट्टान को ब्लास्टिंग करके तोड़ा गया। मशीन की मदद से चट्टान के पत्थर हटाए गए। लगभग 10 फीट नीचे से शव बरामद किया गया। शव लापता खुड्डी देवी का है। जिसका सिर धड़ से अलग हो गया था। अब केवल लापता हरदेव के शव को ढूंढना शेष है। राजबन गांव में बीती 31 जुलाई की रात को बादल फटने की घटना में तीन घर चपेट में आ गए थे। इसमें दो घर पूरी तरह से दब गए थे, जबकि तीसरे घर को भी भारी नुकसान पहुंचा था। इन तीन घरों के 12 लोग इसकी चपेट में आए थे जिनमें से 2 घायल थे जबकि 10 लापता हो गए थे। लापता हुए 10 लोगों में से 9 के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीमों के 100 से अधिक जवान दिन-रात लापता लोगों को ढूंढने के लिए लगे हुए हैं। सर्च अभियान में स्निफर डॉग की मदद से लापता लोगों को ढूंढने में काफी मदद मिली है।
समेज गांव में एक और शव बरामद
शिमला और कुल्लू की सीमा पर बसे समेज गांव में आई बाढ़ ने पूरे गांव को तबाह कर दिया है। 85 किलोमीटर के क्षेत्र में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में अभी तक छह शव बरामद हुए हैं। मंगलवार को सुन्नी डैम के करीब दोगरी में भी एक पुरुष का शव बरामद हुआ है। है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी सुन्नी के लिए भेज दिया गया है। कुल्लू प्रशासन को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा सर्च ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ है। अभी तक छह शव सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किए जा चुके हैं। इनमें चार पुरूषों के और दो महिलाओं के शव शामिल है।
पहला शव सुन्नी डैम क्षेत्र में 04 अगस्त को सुबह बरामद हुआ। इसके बाद शाम को नोगली के नजदीक डकोलढ़ में दो शव बरामद हुए थे। वहीं सोमवार को सुन्नी डैम के नजदीक डोगरी में दो शव बरामद हुए है। सोमवार को सतलुज नदी से एक लड़की और दूसरा पुरुष के शव बरामद हुए थे। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि शव काफी क्षत-विक्षत हालात में मिल रहे है और ऐसे में शवों की शिनाख्त करना एक चुनौती है। इसी के चलते फैसला लिया गया है कि सभी शवों के डीएनए मैच करवाए जाएंगे। जब तक शिनाख्त नहीं हो पाएगी तब तक यह नहीं बताया जा सकता है कि शव कहाँ के है। ऐसे में जल्द से जल्द डीएनए टेस्ट के निर्देश दिए गए है।
डीएनए जांच से होगी शवों की शिनाख्त: समेज त्रासदी में लापता 36 लोगों के 37 परिजनों के डीएनए सैंपल लिए है। डीएनए मैचिंग के बाद ही शवों की शिनाख्त हो पाएगी। इनमें शिमला क्षेत्र से 33 और कुल्लू क्षेत्र से 3 लापता लोगों के परिजन शामिल है। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है, जबकि इनके डीएनए सैंपल को फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजा जा रहा है।
कुर्पण खड्ड में पांच लोगों की तलाश में जुटे 120 जवान
निरमंड उपमंडल के तहत आने वाली कुर्पण खड्ड में बाढ़ आने के कारण बागीपुल, केदस और ढरोपा में भारी तबाही मची थी। बाढ़ की चपेट में आने से सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि पांच लोग अब भी लापता हैं। लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ, होमगार्ड, सीआईएसएफ, पुलिस, बटालियन और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं। करीब 120 जवान कुर्पण खड्ड के चप्पे चप्पे पर लापता हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन अब तक लापता हुए लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। निरमंड के एसडीएम मनमोहन सिंह ने बागीपुल से लेकर केदस तक सर्च ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मलबे में मशीनों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
श्रीखंड यात्रा में लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च अभियान शुरू
बुधवार रात भीमडवारी के समीप बादल फटा तो इसकी चपेट में श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे दो लोग भी लापता हैं। रामपुर के समेज निरमंड की कुर्पण खड्ड में लापता लोगों की तलाश में चार पोकलेन मशीनें तैनात कर दी गई हैं। दोनों जगह सुबह सात बजे से सर्च अभियान में जवान जुट गए। सर्च ऑपरेशन सुगम बनाने के लिए समेज खड्ड पर दो अस्थायी पुलिया बना दी हैं। सेना के खोजी कुत्ते की मदद भी ली जा रही है।
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