किशन श्रीमान: कुल्लू
Kargil Vijay Diwas: भले ही वक्त बीत जाता है लेकिन कुछ घाव ताजा रहते हैं। जब उन घावों से गर्व की खुशबू आती है तो देश पर मर मिटने का जज्बा अमर हो जाता है। कारगिल युद्ध को 25 साल हो गए हैं। लेकिन ऐसा महसूस होता है जैसे यह कल की बात है।
कारगिल युद्ध जिसे ‘आपरेशन विजय’ के नाम से भी जाना जाता है। इस युद्ध में भारत की सेना के 527 वीरों ने अपने प्राणों की आहूति दी मगर देश का मान नहीं झुकने दिया वो हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए। इनमें 52 हिमाचली वीर सपूत भी शामिल थे।
कारगिल युद्ध में देवभूमि हिमाचल के उन 52 वीरसपूतों ने बहादुरी के साथ देश की सरहद की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। कारगिल के वे पहाड़ गवाह हैं उनकी वीरता की जिन्होंने इस युद्ध को देखा और वो हिमालय हमेशा उनके शौर्य का गुणगान सदा करता रहेगा।
कारगिल युद्ध में कांगड़ा जिले के सबसे अधिक 15 जवान शहीद हुए थे। मंडी जिले से 11, हमीरपुर के सात, बिलासपुर के सात, शिमला से चार, ऊना से दो, सोलन और सिरमौर से दो-दो जबकि चंबा और कुल्लू जिले से एक-एक जवान शहीद हुए थे।
पालमपुर के कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तानी सैनिकों ने 15 दिनों तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उन्हें कई अमानवीय यातनाएं दी गईँ।
Kargil Vijay Diwas: हिमाचल के वीर सपूतों को मिले बड़े सम्मान
हिमाचल प्रदेश के वीरों को दो परमवीर च्रक, पांच वीर चक्र, नौ सेना मेडल, एक युद्ध सेना मेडल, दो उत्तम युद्ध सेना मेडल व दो जवानों को ‘मेंशन इन डिस्पेचिज’ से अलंकृत किया गया। पालमपुर के विक्रम बतरा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया जबकि दूसरा परमवीर चक्र बिलासपुर के रहने वाले संजय कुमार को मिला जो सेना में सेवारत हैं।
जिला कांगड़ा के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
इस युद्ध में कांगड़ा जिला शहादत में सबसे आगे रहा था। कारगिल युद्ध में कांगड़ा जिले के सबसे अधिक 15 जवान शहीद हुए थे। जिला कांगड़ा से कैप्टन विक्रम बत्रा परमवीर चक्र, कैप्टन सौरभ कालिया पालमपुर से, ग्रेनेडियर विजेंद्र सिंह (बणे दी हट्टी) देहरा से, नायक ब्रह्म दास नगरोटा से, राइफल मैन राकेश कुमार गोपालपुर से, राइफलमैन अशोक कुमार एवं लांस नायक वीर सिंह जवाली से, नायक लखवीर सिंह गंगथ से, राइफलमैन संतोष सिंह और राइफलमैन जगजीत सिंह नूरपुर से, हवलदार सुरेंद्र सिंह ज्वाली से, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह ज्वालामुखी से, राइफलमैन जंग महत धर्मशाला से थे। इसके अलावा ग्रेनेडियर सुरजीत सिंह देहरा और लांस नायक पदम सिंह इंदौरा से संबंध रखते थे, जिन्होंने करगिल ऑपरेशन में घुसपैठियों को खदेडऩे में अदम्य साहस का परिचय दिया।
मंडी जिला के 12 जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
मंडी जिला के 12 जवानों से शहादत पाई थी। जिला मंडी से कैप्टन दीपक गुलेरिया (मंडी), नायब सूबेदार खेम चंद राणा (मंडी), हवलदार कृष्णचंद (मंडी), नायक सरवन कुमार (रिवाल्सर), सिपाही टेक राम मस्ताना (मंडी), सिपाही राकेश कुमार चौहान (सुंदरनगर), सिपाही नरेश कुमार(मंडी), सिपाही हीरा सिंह(मंडी), जीडीआर पूर्ण सिंह (मंडी) नायक मेहर सिंह (मंडी), लांस नायक अशोक कुमार (मंडी) और एल. हवलदार गुरदास सिंह (मंडी) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला हमीरपुर के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला हमीरपुर से हवलदार कश्मीर सिंह(एम-इन-डी), हवलदार राजकुमार (एम-इन-डी), सिपाही दिनेश कुमार, हवलदार स्वामी दास चंदेल, सिपाही राकेश कुमार, राइफलमैन प्रवीण कुमार, सिपाही सुनील कुमार और राइफलमैन दीप चंद (एम-इन-डी) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला बिलासपुर के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला बिलासपुर से हवलदार उधम सिंह (घुमारवीं), नायक मंगल सिंह (झंडूता), रायफलमैन विजय पाल (घुमारवीं), हवलदार राजकुमार रायफलमैन विजय पाल (घुमारवीं), नायक अश्वनी कुमार (बिलासपुर), हवलदार प्यार सिंह (बिलासपुर) और नाइक मस्त राम (घुमारवीं) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला शिमला के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
कारगिल युद्ध में जिला शिमला के भी चार जवान वीरगति प्राप्त हुए थे। जिला शिमला से ग्रेनेडियर यशवंत सिंह (रोहड़ू), राइफलमैन श्याम सिंह (चौपाल), ग्रेनेडियर नरेश कुमार (शिमला) और ग्रेनेडियर अनंत राम (सुन्नी) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला ऊना के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला ऊना के कैप्टन अमोल कालिया (वीर चक्र) नंगल और राइफलमैन मनोहर लाल (हरोली) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला सोलन के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला सोलन से सिपाही धर्मेंद्र सिंह (कसौली) और राइफलमैन प्रदीप कुमार (नालागढ़) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला सिरमौर के इन जवानों ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
सिरमौर जिला से राइफलमैन कुलविंदर सिंह (पांवटा साहिब) और राइफलमैन कल्याण सिंह (सेना मेडल) हलाण ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला चंबा के जवान ने खेम राज दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला चंबा से सिपाही खेम राज (भटियात) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
जिला कुल्लू के जवान ने डोला राम दिया था सर्वोच्च बलिदान
जिला कुल्लू के निथर (आनी) के रहने वाले हवलदार डोला राम (सेना मेडल) ने कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
इन सभी योद्धाओं की शहादत को देश आज भी सलाम करता है।
रिपोर्ट: आलम पोर्ले
Himachal News
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