मुख्य संसदीय सचिव वन, पर्यटन, ऊर्जा एवं परिवहन सुन्दर सिंह ठाकुर ने आज वन विभाग द्वारा आयोजित Great Himalayan National Park (ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क) संरक्षण क्षेत्र के विश्व धरोहर उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
सुन्दर सिंह ठाकुर ने कहा कि अगले वर्ष से विश्व धरोहर उत्सव का आयोजन 21 जून विश्व योग दिवस से आरम्भ होकर 25 जून तक भव्य रूप से किया जाएगा ताकि विश्व स्तर के पर्यटकों भी इसमें शामिल किया जा सके।
उन्होनें कहा कि आने वाले समय में आउटर सिराज से कुल्लू सिराज को जोड़ने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे पर्यटन को विस्तार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय की सड़कों को बेहतर किया जा रहा है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को पर्यटन का सुखद अनुभव मिल सके तथा विश्व धरोहर के रुप में यहां वैश्विक पर्यटन विकसित हो सके।
उन्होनें कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि हम ऐसे महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों की महिमा के प्रति सजग हैं और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों ने खुद को (जैव विविधता, पर्यटन और सामुदायिक उन्नति) नामक एक सोसायटी में संगठित किया है। पार्क प्रबंधन के साथ काम करते हुए इसके सदस्य प्रकृति संरक्षण और ग्रामीण आजीविका से जुड़े जटिल मुददों को हल करने के लिए समुदाय आधारित इकोटूरिज्म, जैसे नवीन दृष्टिकोण विकसित कर रहे हैं। इकोटूरिज्म ग्राम समुदायों के लिए लाभकारी और प्रकृति संरक्षण एवं शिक्षा को प्रोत्साहित करता है।
वर्ल्ड हेरिटेज उत्सव में दिखी पारंपरिक परिधानों की झलक
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क साईं रोपा कुल्लू में आयोजित वर्ल्ड हेरिटेज उत्सव में पारंपरिक परिधानों की झलक दिखी। हिमाचल प्रदेश वन विभाग की वाइल्ड लाइफ विंग द्वारा आयोजित इस उत्सव में जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक वस्त्रों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए। जिसमें किन्नौरी और कुल्लवी शॉल, स्टाल, टोपियां, मफलर और बेबी सेट उपलब्ध थे। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जाइका वानिकी परियोजना के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आजीविका सुधार की यह किरण विकास कार्यों को और अधिक रोशन करेगी।
हैंडलूम सेक्टर में परियोजना कर रही बेहतर कार्य
जाइका वानिकी परियोजना हैंडलूम सेक्टर में बेहतरीन कार्य कर रही है। परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार हो रहे हथकरघा एवं बुनकर उत्पादों को नई पहचान मिल रही है। कुल्लू जिले में 106 स्वयं सहायता समूह हैंडलूम सेक्टर से जुड़े हैं, जिनमें 72 ग्रुप एक्टिव तरीके से काम कर रहे हैं। यह परियोजना विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए का कर रही है। हिम ट्रेडिशन नामक ब्रांड से उत्पादों की ब्रिकी की जा रही है।
विश्व में 227 प्राकृतिक स्थलों को है विश्व धरोहर का दर्जा
विश्व में 227 प्राकृतिक स्थलों को विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है और जिसमें एशिया में 72 स्थल है। भारत में केवल 7 प्राकृतिक स्थलों को यह गौरव प्राप्त है जिनमें से ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (Great Himalayan National Park ) को भी यह गौरव प्राप्त है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को 2014 में मिला विश्व धरोहर का दर्जा
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण को दोहा में 25 जून 2014 को आयोजित विश्व धरोहर समिति की बैठक के 38वें सत्र के दौरान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में पश्चिमी हिमालय में जैव विविधता संरक्षण और असाधारण प्राकृतिक सुंदरता के लिए शामिल किया गया।
1700 से 5600 मीटर तक की उचाई तक फैला हुआ है ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
1700 से 5600 मीटर तक की उचाई तक फैला हुआ है इसमें 4 नदियों का उदगम क्षेत्र तीर्थन, सैंज, जीवानाला और पार्वती आते हैं। यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से उतरी, पूर्वी और दक्षिणी सीमाओं में बर्फीली पहाड़ियो द्वारा संरक्षित हैं। इस पार्क की प्राकृतिक सुंदरता अदभुत है। यहां के हिमनद, नदी, झरने, घने जंगल और उंची पर्वत चोटियां एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यहां का वातावरण शांति और सुकून प्रदान करता है और हमें प्रकृति के अदभुत चमत्कारों का अनुभव कराता है। इस में ट्रैकिंग, कैम्पिंग और बर्ड वाचिंग जैसे विभिन्न साहसिक गतिविधियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंन्द्र हैं।
जैव विविधता का अनमोल खजाना समेटे हैं ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में जैव विविधता शामिल है जैसे बान के सम शीतोष्ण क्षेत्र, उपोष्ण कटीबधीय चीड़, शकुधारी मिश्रित पतझड जंगल, देवदार और कैल के वन, भोजपत्र, बुराश के वन, अलपाईन क्षेत्र इत्यादि जिसमे कई प्रकार के छोटे फूल और जड़ी बूटिया पाई जाती है। नैशनल पार्क में स्थाई बर्फ का क्षेत्र और भी ऊंचाई वाले क्षेत्र भी शामिल है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में विभिन्न वन्य जीवों का आवास स्थल है जैसे सीरो, हिमालयन थार, घोरल, नीली भेड़, भारतीय पिका, उड़ने वाली गिलहरी, कालाभालू, भूराभालू, हिमतेंदुआ, लाल लोमड़ी, कस्तूरी मृग आदि। पार्क में 200 से अधिक पक्षी प्रजातियो को दर्ज किया गया है जैसे तीतर, ग्रैडला, हिममुर्गा, हिम कबूतर आदि। यहां अत्यंत दुलर्भ जुजुराना की लगभग 10 प्रतिशत जंगली आबादी है। विश्व में जुजुराना की सख्या 3500 से भी कम होने का अनुमान है।
आसपास के गांवों का 266 वर्गकिलोमीटर बफरजोन
पार्क की जैवविविधता पर दबावों को महसूस करते हुए आसपास के गांवों को एक बफरजोन (265.6 वर्गकिलोमीटर) के रूप में स्थापित किया गया। इस ईको जोन लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र, एक वन क्षेत्र है, जिसका उचित प्रबंधन होने पर स्थानी लोगों की वन आधारित आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
Posted By: HIMACHAL NEWS