दीपिका वालिया: सुंदरनगर
Himachal Pushp Kranti Yojana: पारम्परिक खेती को आधुनिक खेती में बदलने का संकल्प
Himachal Pushp Kranti Yojana: खेतीबाड़ी में रूचि तथा पारम्परिक खेती से हटकर कार्य करने की पहल ने गोहर क्षेत्र के रविंद्र को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। फूलों की खेती से हर व र्ष लाखों रुपए की आय के साथ ही उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी प्रदान किया है। यह सब संभव हुआ प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से।
उपमंडल गोहर के कलठा गाँव के निवासी रविन्द्र कुमार का कहना है कि पहले वह अपने बुजुर्गों की तर्ज पर पारम्परिक खेती-बाड़ी ही किया करते थे। उनकी रूचि खेती-किसानी में अत्याधिक थी, इसलिए उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों से मिलकर पारम्परिक खेती को आधुनिक खेती में बदलने का संकल्प लिया। विभाग ने उन्हें पॉलीहाउस लगाकर फूलों की खेती करने का सुझाव दिया।
रविन्द्र ने शुरू में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत वर्ष 2017-18 में 1250 वर्ग मीटर पर पॉलीहाउस स्थापित कर कार्नेशन फूलों की खेती शुरू की। फूलों की अच्छी फसल आने और बाजार में अच्छे दाम मिलने पर उन्होंने हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत भी 500 वर्ग मीटर भूमि पर पॉलीहाउस लगाया और कार्नेशन की खेती शुरू की। वर्तमान में रविन्द्र लगभग 1750 वर्ग मीटर भूमि पर इन फूलों की खेती कर रहे हैं।
बागवानी विभाग द्वारा रविन्द्र कुमार को एकीकृत बागवानी मिशन के तहत 12.50 लाख रुपए का उपदान पॉली हाउस निर्माण के लिए प्रदान किया गया तथा कार्नेशन फूलों की प्लांटेशन के लिए 4.52 लाख रुपए की सब्सिडी भी प्रदान की गई। हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत भी उन्हें 85 प्रतिशत सब्सिडी के तहत 6.50 लाख रुपए प्रदान किए गए जबकि फूलों की प्लांटेशन के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी के तहत 1.50 लाख प्रदान किए गए।
रविन्द्र कुमार बताते हैं कि कार्नेशन फूल चंडीगढ़, दिल्ली जैसे शहरों में भेजे जा रहे हैं। इन फूलों की बिक्री से प्रतिवर्ष वे 11 से 12 लाख रुपए तक की आमदनी प्राप्त कर लेते हैं। फूलों की खेती के बेहतर परिणाम आने पर वे आत्मनिर्भर तो बने ही, साथ ही गांव के चार से पांच लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं। उनसे फूलों की छंटाई-कटाई, पैकिंग जैसे कार्यों में मदद मिल रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही इन योजनाओं का लाभ उठाकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ें।
Himachal Pushp Kranti Yojana: जानिए क्या क्या हैं फायदे
हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत वर्ष भर उच्च मूल्य वाले फूलों की संरक्षित खेती करने के लिए पॉलीहाउस तकनीक का प्रशिक्षण किसानों को दिया जाता है। इसके अतिरिक्त ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस जैसी विधियां अपना कर फूलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे किसान राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मंडी में माँग के अनुसार विदेशी फूलों का उत्पादन करने में सक्षम हो रहे हैं। युवाओं को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से फूल परिवहन के लिए बस किराए में 25 प्रतिशत की छूट और बेसहारा पशुओं से खेतों को सुरक्षित रखने के लिए सोलर बाड़ लगाने पर लागत पर 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है।
Himachal Pushp Kranti Yojana: 85 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान
हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 85 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है और सिर्फ 15 प्रतिशत किसान को खर्च करना पड़ता है। इसी प्रकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें फूलों की खेती के लिए 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। प्रधानमंत्री कृषक योजना के तहत उन फूलों की सिंचाई के लिए ड्रिप ईरीगेशन के तहत 80 फीसदी सब्सिडी दी जाती है।
Posted By: Himachal News
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